कोविड-19 टीकाकरण में बहराईच प्रदेश में अव्वल स्थान पर: सीएमओ
- बोले, प्रवासी कामगारों के लौटने के बाद मिले 11 नये कोरोना संक्रमित
- विश्व क्षय दिवस पर सी.ए.आर. के सहयोग से मीडिया कार्यशाला आयोजित
- देश मे प्रतिवर्ष टीबी से हो रही 4.5 लाख की मौत, 20 फीसदी मरीज सिर्फ यूपी में
- जिले मे 83 हजार के सापेक्ष 81 हजार बुजुर्गो को हो चुका है कोविड टीकाकरण
- विश्व क्षय दिवस 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित
रिपोर्ट- रमेश चन्द्र गुप्ता
बहराइच। कोविड-19 टीकाकरण में बहराइच प्रदेश में प्रथम स्थान पर है और आगे भी स्वास्थ्य विभाग की टीम अपनी कार्य कुशलता के बलबूते प्रदेश मे अव्वल स्थान प्राप्त करेगी। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश मोहन श्रीवास्तव ने विश्व क्षय दिवस पर सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च व जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण हेतु मीडिया कार्यशाला के दौरान कहीं।
एक होटल में कोरोना अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम पर आयोजित इस कार्यशाला में सीएमओ ने कहा कि विश्व क्षय दिवस पर जनप्रतिनिधियों द्वारा टीबी के मरीजों को गोद लिया जाता है जिससे वे मरीजों के पोषण और मिलने वाली आर्थिक सहायता की जानकारी लेकर उनका ध्यान रख सकें। बीते दिनों में जिले में 1488 टीबी के केस पाये गये है जिसमें से 1107 का इलाज सरकारी अस्पताल में व 381 मरीजों का इलाज प्राइवेट चिकित्सालय में चल रहा है।
सीएमओ ने बताया कि जनवरी और फरवरी माह में जिले में कोविड मरीजों की संख्या शून्य थी। लेकिन त्यौहारों में प्रवासी कामगारों के लौटने के बाद ये संख्या 11 हो गई है। सीएमओ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।
डिप्टी डीटीओ डा. पी.के वर्मा ने बताया कि विश्व क्षय दिवस का उद्देेश्य लोगों में जागरूकता लाकर 2025 तक भारत से टीबी को पूरी तरह समाप्त कर देना है। उन्होने कहा कि भारत में प्रति वर्ष 4.5 लाख लोगों की मौत टीबी से हो जाती है। पूरे भारत में जितने टीबी मरीज है उसका 20 प्रतिशत सिर्फ उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होने बताया कि सीबी नाॅट मशीन से जिले में टीबी के मरीजों की जांच की जाती है। सभी सीएचसी पर जांच के लिए ट्रू नाॅट मशीनें लगाई गई हैं।
सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह कोरोना ने हमें स्वच्छता का व्यवहार सिखाया है यदि हमने टीबी के प्रति ऐसा व्यवहार किया होता तो हम बहुत पहले टीबी मुक्त हो गये होते। डीआईओ डा. वी.पी. वर्मा ने बताया कि जिले में अब तक 83 हजार बुजुर्गो के टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष करीब 81 हजार का टीकाकरण किया जा चुका है।
डब्लूएचओ के एसएमओ डा. विपिन लिखोरे ने कहा कि त्यौहार के सीजन में बहुत सारे लोग यूपी में अपने घर वापस लौट रहे है और उनकी जांच होने पर पाॅजिटिव निकल रहे हैं। विपिन ने बताया कि कोविड टीकाकरण के बाद भी हमें कोविड प्रोटोकाॅल का सख्ती से पालन करना पडेगा। युनिसेफ के डीएमसी मोबिलाइजेशन अनिल शुक्ला ने टीबी के बारे में बताते हुए कहा कि टीबी के प्रति समाज में बहुत सारी भ्रांतियां हैं। इसके कारण समाज में टीबी की सही पहचान नहीं हो पा रही है। सही तथ्यों को आम जन तक पहुंचाने में मीडिया का अहम योगदान है।
कार्यक्रम का संचालन डिप्टी डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान एसीएमओ डा. जयन्त कुमार, एसीएमओ डा. विष्णु देव, डिप्टी सीएमओ अनिल कुमार, डीटीओ डा. के.के. श्रीवास्तव, सीफार रिजनल कोआर्डिनेटर सुशील वर्मा, रवि चंद्र शर्मा, देवेन्द्र कुमार, सुरेश कुमार यादव, अजीत प्रताप सिंह, आर.के. कन्नौजिया, प्रवीन कुमार, अमरेन्द्र तिवारी, सचिन सोनकर, राजेश श्रीवास्तव, राजेश पाण्डेय, युनिसेफ डीएमसी संदीप सक्सेना, शिव शंकर आदि मौजूद रहे।