बहराइच में कोरोना गाईडलाइन्स की उड़ रही हैं धज्जियाँ
- प्रशासनिक ढिलाई के चलते ग्रामीण क्षेत्रो मे दिनचर्या आम
- नगर क्षेत्र के अधिकांश मोहल्लो मे चहल-कदमी जारी
- त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव के बाद और बिगड़ी स्थिति
- नगर क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रो मे तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण
- ग्रामीण अंचलो में मास्क व सोशल डिस्टेसिंग हो रहा जमकर उल्लंघन
रमेश चन्द्र गुप्ता
बहराइच। जिले मे विगत दो माह से कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति गंभीर बनी है। वही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद कोरोना संक्रमण पर लगाम कसना और भी कठिन हो गया। जहां पहले नगर क्षेत्र मे अधिकांश कोरोना संक्रमित सामने आ रहे थे। वही अब ग्रामीण क्षेत्रो मे संक्रमण के फैलने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। इतना ही नही प्रदेश सरकार द्वारा लाकडाउन की घोषणा के बाद कोरोना पर लगाम कसने की एक उम्मीद जगी थी, मगर जिला व पुलिस प्रशासन की ढिलाई के चलते ग्रामीण अंचलो मे न सिर्फ बाजारे खुल रही है बल्कि वहां की दिनचर्या भी आम दिनो जैसी है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष 2020 के मार्च माह मे कोरोना संक्रमण के दस्तक के बाद प्रदेश सरकार द्वारा लाकडाउन की घोषणा के बाद जिला व पुलिस प्रशासन की सख्ती, नियमित गश्त व अन्य निर्देशो का पूर्णतया पालन कराये जाने से जिले मे कोरोना संक्रमण फैलने से थम गया था। जिसके बाद हर तरफ जिला व पुलिस प्रशासन की वाहवाही सुनने मे आयी थी। परन्तु इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक के बाद न तो जिला व पुलिस प्रशासन ही सजग दिखा और न ही आमजन। जिसका परिणाम यह निकला कि देखते ही देखते नगर क्षेत्र मे कोरोना संक्रमण का तेजी से फैलाव हुआ और खांसी व बुखार की समस्या के साथ ही आक्सीजन लेवल के तेजी से घटने की शिकायत के साथ ही कई मरीजो की जान जाने लगी।
जहां नगर क्षेत्र मे कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति दिन-पर-दिन बिगड़ती रही। वही दूसरी ओर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पड़ने के चलते सरकारी कर्मियो समेत अधिकांश लोग कोरोना संक्रमण के चपेट मे आ गये और इनमे से कईयो की जान भी चली गई। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा लाकडाउन की घोषणा के बाद जिले मे संक्रमण के थमने की उम्मीद जगी थी, लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन की अनदेखी व विगत वर्ष की भांति सख्ती न किये जाने से संक्रमण की रफ्तार जस की तस बनी है। लाकडाउन के दौरान ग्रामीण अंचलो में लोग जहां बिना मास्क लगाये घूमते नजर आ रहे है वही सोशल डिस्टेसिंग भी मजाक बन गया है। जबकि पंचायत चुनाव के बाद जीते कई प्रत्याशियो द्वारा जुलूस भी निकाला गया। इतना ही नही चोरी-छिपे बाजारो के खुलने व आम दिनो की भांति दैनिक दिनचर्या होने के चलते आने वाले दिनो मे स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
गौर करने वाली यह है कि चालान के डर से लोग भले ही मास्क लगाते दिखते है मगर उनमे पुलिस प्रशासन का खौफ कहीं नही नजर आ रहा है। नगर क्षेत्र के अधिकांश मोहल्लो मे सुबह से लेकर रात तक लोगो की चहल-कदमी जारी रहती है वही मोहल्लो की दुकाने भी पूरी दिन खुली रहती है। यदि आने वाले दिनो में लाकडाउन का पूर्ण पालन कराने मे जिला व पुलिस प्रशासन विफल रहता है तो जिले मे कोरोना संक्रमण के फैलाव के चलते स्थिति के भयावह होने व संक्रमण के चलते सैकड़ो लोगो की मौत के अंदेशे को नकारा नही जा सकता है।