टीकाकरण की रफ्तार लगातार धीमी पड़ने से बढ़ी चिंता
नई दिल्ली: भारत में टीकाकरण की रफ्तार का इस हफ्ते का औसत दो महीने में सबसे कम रहा है. करीब सभी राज्य कोरोना वैक्सीन की किल्लत होने का रोना रो रहे हैं. राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल कोरोना वैक्सीन का पर्याप्त ऑर्डर नहीं दिया, जिससे संकट आ खड़ा हुआ है.
19 मई को सिर्फ 11.66 लाख लोगों का टीकाकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 19 मई बुधवार को महज 11.66 लाख लोगों को ही कोरोना का टीका लगा. कोरोना के 3 लाख के करीब रोज मामले मिलने के बीच वैक्सीनेशन अभियान में सुस्ती आना चिंताजनक है.अगर इस हफ्ते के औसत की बात करें तो 13.42 लाख लोगों को औसतन एक दिन में वैक्सीन लग पाई है, जो 14 मार्च के बाद किसी भी हफ्ते में सबसे कम है.
महज 3 फीसदी आबादी का वक्सीनशन
भारत भले ही दुनिया में कोरोना वैक्सीन उत्पादन का सबसे बड़ा हब हो, लेकिन वह अभी तक महज 3 फीसदी आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण कर पाया है. केंद्र सरकार ने 45 साल से कम उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण का भार राज्य सरकारों पर डाल दिया है. वैक्सीनेशन का बोझ राज्यों पर डाल देने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है.
200 करोड़ वैक्सीन डोज का दावा
सरकार ने आलोचना के बाद आनन-फानन में दूसरे देशों के लिए वैक्सीन का निर्यात रोक दिया है. इससे ऐसे देश भी अधर में लटक गए हैं, जो भारत से आस लगाए बैठे थे.विपक्षी दलों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हो रही आलोचना के बाद केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते खाका खींचा था कि कैसे इस साल के अंत तक भारत के पास 200 करोड़ वैक्सीन डोज होंगे. बहरहाल अभी तो भारत समेत कई देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं.