सांप्रदायिक जज न्यायपालिका के लिए कलंक, जिसे मिटाना सीजेआई की ज़िम्मेदारी- शाहनवाज़ आलम
शेखर यादव और दिनेश पाठक को बर्खास्त करने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने भेजा सीजेआई को ज्ञापन
लखनऊ
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद की बैठक में शामिल होने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों शेखर यादव और दिनेश पाठक को बर्खास्त करने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रदेश भर से ज्ञापन भेजा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि देश संविधान से चलेगा अगर कोई जज इस बुनियादी सिद्धांत को नहीं मानता हो और कहता हो कि देश बहुसंख्यकवादी विचार से चलेगा तो ऐसे जज को पद से तुरंत बर्खास्त कर उसके पुराने निर्णयों की भी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी मांग के साथ मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश भर से ज्ञापन भेजा है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि शेखर यादव और दिनेश पाठक न्यायिक व्यवस्था पर कलंक हैं जिसे मिटाने की ज़िम्मेदारी सीजेआई की है। लेकिन पूरा देश देख रहा है कि नागरिक समाज के कई बार सवाल उठाने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले रहा है। अगर अपनी साख बचाने में भी न्यायपालिका इतना संकोच करेगी तो जनता उसपर कैसे भरोसा कर पायेगी।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि सीजेआई इलाहाबाद हाईकोर्ट के इन दोनों जजों को बर्खास्त करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज पंकज मित्तल के भी खिलाफ़ कार्यवाई करेंगे जिन्होंने जम्मू कश्मीर का मुख्य न्यायाधीश रहते हुए संविधान में दर्ज सेकुलर शब्द को कलंक बताया था। उन्होंने कहा कि सीजेआई संजीव खन्ना के सामने सबसे बड़ी चुनौती संविधान विरोधी मानसिकता वाले जजों से भारतीय न्यायालय को मुक्त कराना है जिन्हें आरएसएस और भाजपा के इशारे पर पिछले मुख्य न्यायाधीशों ने प्लांट किया था।