आलोचना से बेपरवाह चीन की संसद ने पास किया हांगकांग सुरक्षा विधेयक
बीजिंग: चीन की संसद ने गुरुवार को हांगकांग के लिए एक नए सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी है। यह बिल एसी स्थिति में पारित हुआ है कि जब अमरीका ने इसके पारित किये जाने के बारे में धमकी दी थी। चीन का यह मानना है कि इससे हांगकांग में उन अलगाववादियों को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी जो आतंकवादी कार्यवाहियां करना चाहते हैं।
चीनी सुरक्षा एजेंसियां पहली बार हांगकांग में खोल सकती हैं अपने प्रतिष्ठान
इस नए कानून के अन्तर्गत चीनी सुरक्षा एजेंसियां पहली बार हांगकांग में अपने प्रतिष्ठान खोल सकती हैं। अब कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति ने यह विधेयक पारित कर दिया है और यह अगस्त तक कानून बन सकता है। हांगकांग में अधिकारियों ने कहा कि यह कानून बढ़ती हिंसा और आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक है और क्षेत्र के निवासियों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। इससे पहले हांगकांग की कार्यकारी अधिकारी कैरी लैम ने कहा था कि यह क्षेत्र चीन के साथ सहयोग करते हुए नए क़ानून को लागू करने के लिए तैयार है।
चीन-अमरीका में बढ़ा तनाव
समाचार एजेंसी रोएटर्ज़ के अनुसार ली जिपिंग ने गुरूवार को बताया है कि अमरीका के साथ चीन के नए मतभेद आरंभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनो देशों के मतभेद अब नए चरण में पहुंच चुके हैं। चीन के प्रधानमंत्री का कहना है कि अमरीका की अधिक विशिष्टता हासिल करने वाली नीति ही बीजिंग एवं वाशिग्टन के बीच मतभेद का कारण है। इससे पहले चीन के रक्षामंत्री ही कह चुके हैं कि चीन तथा अमरीका के बीच प्रतिस्पर्धा बहुत ही ख़तरनाक एवं संवेदनशील चरण मे पहुंच गई है। एसे में चीन को कड़े प्रतिरोध का प्रदर्शन करना चाहिए। चीनी रक्षामंत्री से पहले चीन के राष्ट्रपति इस देश की सेना को हर प्रकार के मुक़ाबले का सामना करने का आह्वान कर चुके हैं।
ट्रम्प ने दी थी चीन सम्बन्ध ख़त्म करने की धमकी
ज्ञात रहे कि पिछले दो सप्ताहों के दौरान चीन और अमरीका में तनाव में तेज़ी से वृद्धि हुई है अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने बीजिंग के साथ संबंध खत्म करने तक की धमकी दी है। चीन और अमरीका के संबंध जिस चरण से गुज़र रहे हैं उसे देखते हुए दुनिया के बहुत से विश्लेषक यह अनुमान लगाने लगे हैं कि इन दोनों के बीच टकराव की संभावना बहुत बढ़ती जा रही है।