बताया–कोरोना विषाणु मानव से मानव में फैलने की पुष्टि 19 जनवरी को हुई


नई दिल्ली: कोरोना महामारी के उद्गम स्थल चीन में 19 जनवरी को पहली बार पुष्टि इस बात की पुष्टि हुई थी कि यह मानव से मानव में फैल सकता है| चीन ने कोरोना संक्रमण के मामले में पहली बार श्वेतपत्र जारी कर अपना पक्ष रखा है जिसमें तमाम बातों का खुलासा किया गया है| इस श्वेतपत्र के माध्यम से चीन ने दुनिया को यह बताने की कोशिश की है कि कोरोना संक्रमण का पहला मामला कब और कहां सामने आया था। इस श्वेतपत्र के माध्यम से एक तरह से चीन अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देने का प्रयास किया है।

चीन ने खुद को फिर बताया निर्दोष
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार की खबर देर से देने के आरोपों से घिरे चीन ने रविवार को एकबार फिर खुद को निर्दोष बताया और कहा कि कोरोना का पहला मामला वुहान में 27 दिसंबर को सामने आया था। इसके साथ ही चीन ने बताया कि पहले निमोनिया और मानव से मानव में संक्रमण फैलने के बारे में पता चला था। चीन ने यह भी बताया कि जैसे ही इस बारे में सरकार व स्वास्थ्य विभाग को पता चला तो इस पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई थी।

विषाणु मानव से मानव में फैलने की पुष्टि 19 जनवरी 2020 को हुई
श्वेतपत्र के अनुसार वुहान में 27 दिसंबर 2019 को एक अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस की पहचान किए जाने के बाद स्थानीय सरकार ने स्थिति को देखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली है। श्वेतपत्र में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ टीम ने 19 जनवरी को पहली बार पुष्टि की कि यह मानव से मानव में फैल सकता है। चीन के अग्रणी श्वसन रोग विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि 19 जनवरी से पहले इस बारे में पर्याप्त सबूत नहीं थे कि विषाणु मानव से मानव में फैल सकता है।