एटीएम लेनदेन से जुड़े नियमों में बदलाव, इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की अनुमति
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को लगभग 9 वर्षों के बाद एटीएम लेनदेन से जुड़े नियमों में बदलाव की अनुमति दे दी है. आरबीआई ने सभी बैंकों को एटीएम ट्रांजैक्शन के लिए इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी. RBI ने कहा है कि ग्राहकों के लिए एटीएम के 5 बार फ्री में इस्तेमाल की सुविधा बनी रहेगी, लेकिन इसके बाद गैर वित्तीय लेनदेन के लिए 6 रुपये लगेंगे. वहीं वित्तीय लेनदेन यानी पैसे निकालने के लिए लगने वाला शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया है.
बिजनेस स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग 9 वर्षों के बाद एटीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क संरचना में बढ़ोतरी की अनुमति दी है. देशभर में एटीएम की तैनाती में बढ़ती लागत और बैंकों द्वारा एटीएम रखरखाव के खर्च को देखते हुए बैंकों को अब ज्यादा चार्ज लेने की अनुमति दी है.
गुरुवार को आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने 1 अगस्त, 2021 से एटीएम से वित्तीय लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन इंटरचेंज शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया है और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है. वहीं, बताया जा रहा है कि 1 जनवरी 2022 से बैंकों को कस्टमर चार्ज के रूप में ग्राहकों से 21 रुपये वसूलने की इजाजत दे दी गई है. फिलहाल बैंकों को इसके लिए अधिकतम 20 रुपये तक चार्ज करने की अनुमति है.
एटीएम इंटरचेंज चार्ज होता क्या है, इसे उदाहरण के जरिये समझते हैं. जैसे मान लीजिए आप एसबीआई (SBI) के ग्राहक हैं और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के एटीएम से अपने एसबीआई वाले कार्ड का इस्तेमाल कर के पैसे निकालते हैं. तो ऐसे में एसबीआई अपने ग्राहक द्वारा इस्तेमाल किए गए एटीएम मशीन वाले बैंक, यानी पीएनबी को एक निश्चित शुल्क का भुगतान करती है. इसे ही एटीएम इंटरचेंज फीस कहा जाता है.