लॉकडाउन का बदलाव: देश के 67 फीसदी लोगों ने खर्चों में की कटौती
नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से देश में खर्च करने के तरीकों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। भारतीय उपभोक्ताओं पर किए गए एक सर्वे के मुताबिक देश के 67 फीसदी लोगों ने अपने खर्चों में कटौती कर ली है। कंसल्टिंग फर्म McKinsey के मुताबिक देश में 54 फीसदी लोगों की कमाई में गिरावट आई है। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा है या फिर सैलरी में कटौती हुई है। इसके चलते देश के दो तिहाई से ज्यादा लोगों ने खर्च में कटौती कर दी है। ग्रॉसरी, घरेलू जरूरतों के सामान, मनोरंजन जैसी जरूरतों पर लोग लगातार खर्च कर रहे हैं। हालांकि गैर-जरूरी सामानों की खरीद में बड़ी गिरावट आई है।
कपड़ों, एसेसरीज, फुटवियर, शराब, स्नैक्स, ऑनलाइन फूड, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्सनल केयर सर्विसेज, वाहनों की खरीद और घर से बाहर मनोरंजन पर खर्च में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसकी बड़ी वजह लॉकडाउन की पाबंदियां हैं। हालांकि इसके बाद भी आय में कमी के चलते बड़े पैमाने पर लोगों ने अपने खर्च करने का पैटर्न बदला है।
देश में 10 से 13 अप्रैल के बीच किए गए सर्वे में 57 फीसदी लोगों ने कहा कि बीते दो सप्ताह में उनकी घरेलू बचत कम हुई है। इसके अलावा 55 फीसदी लोगों का यह कहना था कि अगले दो महीनों तक उनकी कमाई कम ही रहने की आशंका है। हालांकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो मानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बाउंसबैक करेगी। सर्वे में शामिल 58 फीसदी लोगों ने कहा कि दो से तीन महीनों के भीतर अर्थव्यवस्था पहले से भी ज्यादा तेजी से ग्रोथ करेगी।
यह आंकड़ा इसलिए भी उत्साहजनक है क्योंकि मार्च के आखिरी सप्ताह में हुए सर्वे में 52 फीसदी लोग ही ऐसे थे, जो मानते थे कि अर्थव्यवस्था जल्दी ही बाउंसबैक करेगी। दरअसल कोरोना वायरस के संकट ने शॉपिंग के तरीकों में बड़ा बदलाव किया है। घरेलू सामानों की खरीद, ग्रॉसरी, पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स, एंटरटेनमेंट और ऑनलाइन मीडिया की ग्रोथ देखने को मिल रही है। हालांकि आने वाले कुछ समय तक कपड़ों, तंबाकू उद्योग, जूलरी और स्नैक्स आदि के बिजनेस में गिरावट जारी रह सकती है।