प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से वापस बुलाये केन्द्र सरकार-दिनकर
लखनऊ: प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन चलाकर मुफ्त वापस बुलाने, अपने घर तक जाने के लिए पर्याप्त मुफ्त खाने व पानी को उपलब्ध कराने, घर पहुँचने से पूर्व कम से कम 5000 रूपया और आटा, चावल, तेल, दाल, नमक आदि की राशन किट और प्रवासी मजदूरों पर पुलिस द्वारा की जा रही बर्बरता पर रोक लगाने व यदि बर्बरता होती है तो वहां के डीएम व एसपी को जवाबदेह बनाकर कड़ी कार्यवाही करने के लिए निर्देश देने की मांग आज वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष व श्रम बंधु दिनकर कपूर ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निजी मेल व पीएमओ कार्यालय के ईमेल पर पत्र भेजकर उठाई है। इस पत्र को गृह मंत्री, गृह सचिव, सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा है।
वर्कर्स फ्रंट ने भेजे अपने पत्र में कहा है जनदबाव में केन्द्र सरकार ने कल प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का आदेश दिया है। लेकिन इस आदेश में मजदूरों को वापस लाने की सारी जवबदेही राज्य सरकारों पर छोड़ दी गयी है। यही नहीं सिर्फ सड़क मार्ग से आने का आदेश है। राज्य सरकारें पहले से ही जीएसटी टैक्स प्रणाली के कारण आर्थिक रूप से बदहाल हैं। साथ ही सुदूर इलाकों से बसों से लाना बेहद कठिन है और इससे विस्फोटक स्थिति भी पैदा हो सकती है। पत्र में प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा कल की गयी घोषणा के बाद मजदूर पैदल और साईकिल से चल पड़े हैं जिन्हें रास्ते में पुलिस मारपीट रही है। यहीं नहीं सुदूर इलाकों से बसों से लाने के लिए निजी बस मालिक बेहद ज्यादा पैसा मांग रहे हैं, जिसे दे पाना इन मजदूरों के लिए सम्भव नहीं है। पत्र में कहा गया है कि यह बेहद दुखद और अमानवीय है और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए शुभ नहीं है।
पत्र में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों की जवाबदेही महज राज्य सरकारों पर छोड़कर केन्द्र सरकार बच नहीं सकती। वास्तव में आज जो अप्रिय स्थिति पैदा हुई है वह बिना योजना व लोकतांत्रिक पद्धति अपनाए आनन-फानन में किए गए लाकडाउन के कारण ही है। इसलिए प्रवासी मजदूरों के सामने मौजूद संकटकालीन परिस्थितियों में केन्द्र सरकार को मजदूरों को सकुशल वापस लाने की जवाबदेही लेनी होगी और इस अनुरूप केन्द्रीय स्तर पर सुसंगत नीति निर्माण करना होगा ताकि अराजक स्थिति से बचा जा सके।