(व्यंग्य : विष्णु नागर) महामानव जी, देश की और हम-सब की, आपसे जितनी तरह से और भी जितनी बार ऐसी-तैसी हो सके, करना ; बस एक काम करना, ‘विकसित भारत’ बनाने का
(आलेख : सुभाषिणी अली, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते) 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, मतदाताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर काफी बहस हुई थी। व्यापक रूप से यह माना
(आलेख : राम पुनियानी) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तरह-तरह के विवादों के घेरे में रहे हैं। हाल में लोकसभा अध्यक्ष बतौर अपने दूसरे कार्यकाल में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने
झंडा बुलंद सच का है सारे जहान में,चर्चा हुसैनियत का ज़मीं आसमान में। माह मोहर्रम आ गया। हर तरफ़ हुसैन हुसैन की सदायें बुलंद होने लगीं। हर ख़ास ओ आम दरे इमाम
(आलेख : नदीम खान) भारतीय मुसलमानों ने 18वीं लोकसभा के चुनावों में विपक्षी दलों या इंडिया ब्लॉक के लिए काफ़ी समर्थन दिखाया। इस समर्थन ने चरम हिंदुत्व दल को 240 सीटों पर
(आलेख : संजय पराते) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनएटी) की निष्पक्ष तरीके से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजित कर पाने की असफलता ने न केवल इसमें घुसे भ्रष्टाचार को उजागर किया है, बल्कि
डॉ. राम पुनियानी द्वारा (मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) 19 जून (2024) को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नालंदा के परिसर का औपचारिक
(व्यंग्य : विष्णु नागर) अपने पीएम जी ने अभी भी दिल्ली की भाषा में फट्टे मारना नहीं छोड़ा है। दस साल तक फट्टे मारने का नतीजा अच्छी तरह भुगत चुके हैं, पर
(आलेख : मैथ्यू जॉन) आज देश में राजनीतिक वस्तुस्थिति यह है कि अधिनायकवाद समाप्त तो नहीं हुआ है, लेकिन उसका प्रभाव कुछ हद तक कम हुआ है। पिछले दस वर्षों से वह