मो. आरिफ़ नगरामी हमारा मुल्क हिन्दुस्तान जहां एक तरफ कोरोना जैसे मोहलिक और जानलेवा वायरस से जंग लड रहा है और तीसरी लहेर से महफूज रहने की तैयारियां कर रहा है। मंहगाई
मो. आरिफ़ नगरामी हुकूमत सऊदी अरब ने गुजिश्ता रात यह एलान करके दुनिया भर के लाखों मुसलमानों की तमन्नाओं पर पानी फेर दिया। कि गुजिश्ता साल की तरह इस साल भी हज
डॉक्टर मोहम्मद नजीब कासमी सम्भली जीका’दा इस्लामी साल का ग्यारहवां महीना है। इस महीने को अरबी भाषा में जुलका’दा या जिलका’दा कहते हैं। यह दो शब्दों का योग है। जु या जि
एस. पी. शुक्लाअनुवाद – संदीप कुमार, विनीत तिवारी ( नोट: यद्यपि एस. पी. शुक्ला जी का यह लेख उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव परिणामों के वास्तविक निहितार्थ को लेकर लिखा गया
-मो. आरिफ़ नगरामी आबादी के लेहाज से मुल्क के सबसे बडे सूबे उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरूआती महीनों में असेम्बली की 403 सीटों के लिये चुनाव होने है। उत्तर प्रदेश
-मो. आरिफ़ नगरामी असेम्बली एलेक्शन में जब उत्तर प्रदेश मेें बीजेपी को जबर्दस्त कामयाबी हासिल हुयी थी उस वक्त बीजेपी आला कमान यानी वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह को
-एस. आर. दारापुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट डा. अंबेडकर ने कहा था, “राजनीतिक सत्ता सब समस्यायों की चाबी है और दलित संगठित होकर सत्ता पर कब्ज़ा करके अपनी मुक्ति प्राप्त
ज़ीनत शम्स बृहस्पतिवार को नीति आयोग ने अपने आंकड़े पेश किए जिनका आधार स्वास्थ्य शिक्षा अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, जेंडर, क्लाइमेट चेंज और इंस्टिट्यूशन आदि था जिसमें केरल राज्य टॉप पर रहा जबकि हमारे