के. विक्रम राव Twitter ID: @Kvikramrao इस वर्ष के साहित्यवाले नोबेल पारितोष से नवाजे गये अश्वेत अफ्रीकी प्रोफेसर अब्दुल रज्जाक गुर्नाह के माध्यम से विश्व के आमजन की विपदा पर मनन होगा।
मो. आरिफ़ नगरामी “रबीउल अव्वल” इस्लामी तकवीम और हिजरी साल का तीसरा महीना है। दीगर इस्लामी महीनों की तरह ये महीना भी नुमायां खुसूसियात का हामिल है, इस माह में दो ऐसे
मोहम्मद आरिफ नगरामी अफगानिस्तान में दोबारा एक्तेदार में आने के बाद से तालिबान ने जो इस्लाम की तस्वीर पेश की है वह बिल्कुल गलत और र्श्मनाक है। मुगलिया दौरे हुकूमत मेें भी
-एस. आर. दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट भारत एक गाँव प्रधान देश है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 6,40,867 गाँव हैं. इसी जनगणना के अनुसार भारत की कुल
-फ़िरदौस ख़ान मानव सभ्यता में रंगों का काफ़ी महत्व रहा है. हर सभ्यता ने रंगों को अपने तरीक़े से अपनाया. दुनिया में रंगों के इस्तेमाल को जानना भी बेहद दिलचस्प है. कई
मोहम्मद आरिफ नगरामी तहरीके नदवतुल उलमा नेहायत पुरफितन माहौल और पुरआशोब दौर में वजूद में आयी वह उन्नीसवीं सदी का वह तारीक तरीन दौर था जब पूरी दुनिया के एक बडे खित्ते
एस. आर. दारापुरी. आई.पी.एस. (से. नि.) (24 सितंबर को पूना पैक्ट दिवस पर विशेष) भारतीय हिन्दू समाज में जाति को आधारशिला माना गया है . इस में श्रेणीबद्ध असमानता के ढांचे में
मोहम्मद आरिफ़ नगरामी सऊदी अरब एक ऐसा मुल्क है जहां जिन्दगी के सारे गोशों पर इस्लाम की हुक्मरानी है। उसका तालीमी निजाम भी उसी हकीकत का मजहर है। उसके मकासिद व अहदाफ,