(आलेख : शुभम शर्मा, अनुवाद : संजय पराते) ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का भारत के उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी नेतृत्व के प्रति प्यार उमड़
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) हैरानी की बात नहीं है कि दिल्ली चुनाव के सिलसिले में कम-से-कम एक बात पर सभी सहमत होंगे। वह यह कि भाजपा, इस चुनाव को जीतने के लिए
राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य भाई मानना पड़ेगा, मोदी जी की फकीरी को। करोड़ों लोगों के सिर पर पक्की छत का इंतजाम करने में लगे हुए हैं। इसी सब के लिए अठारह-अठारह घंटे
(आलेख : बादल सरोज) घूम-फिरकर कुनबा फिर अपने प्रिय पाकिस्तान की पनाह में पहुँच गया है। इस बार कोलम्बस बने हैं महाराष्ट्र की चार इंजिन वाली सरकार के मछली जल की रानी
(आलेख : राजेंद्र शर्मा) जिनके घर खुद शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। यह पुरानी कहावत भी, ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के हिसाब से
(आलेख : संजय पराते) यदि पत्रकारिता लोकतंत्र की जननी है या पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, तो यकीन मानिए, 3 जनवरी की रात वह बस्तर के बीजापुर में एक राज्य-पोषित ठेकेदार
राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की पत्नी को 2023 में सबसे महंगा तोहफा दिया था।थैंक यू मोदी जी, आपने भारत को दुनिया से विश्व गुरु मनवा