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नया हिजरी साल, मुहासबए नफ़्स का मौक़ा

मोहम्मद आरिफ़ नगरामी इस्लाम तमाम तर सरमाया उन्ही कमरी महीनों और हिजरी तारीख से ही वाबिस्ता है अरकाने इस्लाम हज व रोजे का हिसाब इसी इस्लामी कलंडर से किया जाता है ईद
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बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा की योजना भाजपा नेताओं ने बनाई थी

अरुण श्रीवास्तव (मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारा पुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) क्या संयोग है! 13 जुलाई को, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिंह राज्य
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कुर्बानी सुन्नते इब्राहीमी की अजीम यादगार

मोहम्मद आरिफ नगरामी हजरत इब्राहीम खलीलुल्लाह और उनके वफा शोआर फरजंद तसलीमो रजा और सब्र्र व इस्तेकामत के पैकर हजरत इस्माईल की जिन्दिगी इन्सानी तारीख में मुन्फरिद और मुंमाताज मकाम की हामिल
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अरफा का अजीम दिन

मोहम्मद आरिफ नगरामी काबतुल्लाह शरीफ की छोटी सी चौकोर इमारत पहाडों के दामन में थी लेकिन चन्दं मीटर ऊंची यह इमारत अपने जलाल में आसमान की बलंदियों को छूती नजर आती थी।
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अशरए ज़िल हिज्जा में इबादतों का सवाब बढ़ जाता है

मोहम्मद आरिफ नगरामी अशरए जिल हिज्जा जो एक जिल हिज्जा से दस जिल हिज्जा तक है इन दस दिनों को अल्लाह ताला ने बड़ी खूसूसियत और फजीलत बख्शी हैं इन दिनों में
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अम्बेडकर ने मनुस्मृति को आग में झोंक दिया था : PUCL ने CJI, गुजरात HC CJ को याद दिलाया

(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) गर्भावस्था और बच्चे के जन्म पर गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति समीर दवे की “अकारण” टिप्पणी पर
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यह क़सीदा पढ़ने का नहीं, बल्कि जवाबदेही व आत्म चिंतन का समय है

अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी9897565066 अल्लामा इक़बाल रह० ने कहा था:सूरत – ए – शमशीर है दस्त – ए – क़ज़ा में वो क़ौम।करती है जो हर ज़माँ अपने अमल का एहतिसाब।। इसका अर्थ
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नॉक आउट फोबिया का शिकार कब तक बनेगी टीम इंडिया

तौक़ीर सिद्दीक़ी टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में 2013 में अंतिम बार किसी ICC टूर्नामेंट का ख़िताब जीता था, यह ख़िताब था चैंपियंस ट्रॉफी का, उसके बाद से लंदन के ओवल
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WTC फाइनल: भारत के पास 1979 का दर्द भुलाने का बेहतरीन मौका

तौक़ीर सिद्दीक़ी लंदन के ओवल मैदान पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का जब चौथा दिन ख़त्म हुआ तो मैच जीतने के लिए टीम इंडिया के पास 280 रनों का लक्ष्य बचा
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ख्वातीन और हज

मोहम्मद आरिफ नगरामी हज की इबादत जिन अज़ीम अम्बियाई यादों से वाबस्ता है उनमें एक अहम यादगार एक ख़ातून, हज़रत हाजरा से मुताल्लिक़ है। एक मां का अपने बच्चे की प्यास बुझाने