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व्हाइट हाउस में जचगी और यहां सोहर का शोर

(आलेख : बादल सरोज) इस बार 5 नवम्बर को सभी को चौंकाते हुए, जो आदमी, अमरीका के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है, यह निर्लज्ज नस्लवादी, अंग्रेजी में बोले तो रेसिस्ट बन्दा है
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महाराष्ट्र : मोदी का खाली तरकश

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के बीचों-बीच, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की सबसे बड़ी दरार खुलकर सामने आ गयी है। एनसीपी के अजित पवार गुट ने, गठजोड़ की
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‘व्हाट्सएप हिस्ट्री’ : अकादमिक कठोरता या राजनीतिक एजेंडा?

(आलेख : राम पुनियानी) हिंदू राष्ट्रवाद के प्रचार और गलत धारणाओं को फैलाने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल मौजूदा तंत्र के अतिरिक्त प्रचार के रूप में किया जा रहा है, जिसका मुक़ाबला
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गारंटी : न खरीद की, न समर्थन मूल्य की, न वितरण की

(आलेख : संजय पराते) इस बार फिर हरियाणा और पंजाब के किसान परेशान और हलाकान है। रबी फसलों के लिए केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी गई है,
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आरजी कर मामले में संघर्ष के कुछ ‘अद्वितीय’ पहलू

(आलेख : वृंदा करात, अनुवाद : संजय पराते) बलात्कार पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई के सामूहिक अनुभव की रोशनी में, आर.जी. कर मामले में बंगाल का आंदोलन कई मायनों में अनूठा
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फिलिस्तीन : आज अगर खमोश रहे, तो कल सन्नाटा ही बचेगा चहुँओर

(आलेख : बादल सरोज) 🔵 इतिहास में इसरायल नाम का देश दुनिया के नक़्शे पर कभी नहीं रहा। यहूदी धर्म के अनुयायी दुनिया भर के देशों में, कहीं थोड़े, कहीं बहुत थोड़े,
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कासगंज की रामलीला में शम्बूक का आत्मवध

(आलेख : बादल सरोज) शम्बूक को लेकर अनेक रामकथाओं में दर्ज प्रसंग से रूप में थोड़ा अलग, किन्तु सार में यथावत पूर्ववत, मंचन उत्तरप्रदेश में गंगा किनारे बसे सोरों के एक गाँव
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भागवत की शताब्दी कथा : खतरा, खतरा, खतरा!!!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) इस दशहरे से आरएसएस का शताब्दी वर्ष शुरू हो गया। इस मौके पर, आरएसएस के वर्तमान सरसंघचालक, मोहन भागवत के संबोधन से बहुत से लोगों ने अगर, शताब्दी
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गणतंत्र के अमृत काल की उपलब्धि : बदलना एक ‘अधिकार संपन्न नागरिक’ का ‘लाथार्थी प्रजा’ में!

(आलेख : सुभाष गाताडे) महाराष्ट्र और झारखंड राज्य के चुनावों का ऐलान हो चुका है। दोनों राज्यों में अगले माह के अंत तक नई सरकार का गठन होगा। वैसे इस ऐलान के ऐन पहले
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ये देश है या माफियाओं का राजनीतिक तंत्र?

(आलेख : महेंद्र मिश्र) माफिया केंद्र को चला रहा है या फिर केंद्र माफियाओं के सहारे चल रहा है, कुछ कह पाना मुश्किल है। देश और विदेश से सामने आयी दो सूचनाओं