दिल्ली:
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सोमवार को हुए बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, चार घंटे हमारी जाति जनगणना पर पर चर्चा हुई। उस कमरे में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं था, जिसने उसका विरोध किया हो और हमारे सारे मुख्यमंत्री भी इससे सहमत हैं। जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां जाति जनगणना होगी। इसके बाद आर्थिक सर्वे कराएंगे।

पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा, “हमने चार घंटे तक जाति जनगणना पर चर्चा की। हमने एक ऐतिहासिक चर्चा की। यह एक सर्वसम्मत निर्णय था। बैठक में कोई भी ऐसा नहीं था जिसने इसका विरोध किया हो।”

उन्होंने कहा कि यहां बैठे मुख्यमंत्रियों (कर्नाटक के सिद्धारमैया, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और राजस्थान के अशोक गहलोत) ने भी कहा कि वे राज्यों में जाति जनगणना कराएंगे। राजस्थान ने शनिवार रात को ही जाति आधारित सर्वे कराने की घोषणा की है।

इस सवाल पर कि क्या इंडिया गठबंधन की पार्टियां एक साथ हैं और क्या वे जाति आधारित जनगणना का समर्थन करेंगे, उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह पूरे दिल से जाति जनगणना का समर्थन करेगी और बीजेपी को जाति जनगणना कराने के लिए मजबूर करेगी। और अगर वे असफल होते हैं तो उन्हें वैसा ही करना चाहिए जैसा देश चाहता है और सत्ता में आने के बाद हम ऐसा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “भारत की अधिकांश पार्टियां इसका समर्थन करती हैं। कुछ ऐसे भी हो सकते हैं जिनकी राय थोड़ी अलग हो। लेकिन मुझे विश्वास है कि बहुमत इसका समर्थन करेगा। हम फासीवादी ताकत नहीं हैं और हम उन्हें मजबूर नहीं करेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर देश को बांटने का आरोप लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री अनर्गल बयान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री जाति आधारित जनगणना कराने में अक्षम हैं। कांग्रेस में चार मुख्यमंत्री हैं, उनमें से तीन ओबीसी हैं, जबकि बीजेपी के 10 सीएम हैं, और उनमें एक ओबीसी हैं जो मध्य प्रदेश में चुनाव के बाद नहीं रहेंगे।”

उन्होंने कहा, ”मैंने संसद में जो कहा कि 90 में से केवल तीन ओबीसी अधिकारी हैं, उसके बाद प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द नहीं कहा।”

“प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि हम जाति-आधारित जनगणना जारी करेंगे और उन्हें कहना चाहिए कि अगली जनगणना जाति आधारित होगी। लेकिन उनमें हिम्मत नहीं है। उन्होंने एक ध्यान भटकाने वाली व्यवस्था बनाई है। पीएम मोदी मुख्य साधन हैं और वे केवल मुद्दे को भटकाना चाहते हैं।”