दिल्ली:
पहलवानों और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहलवानों के समर्थन में एक तरफ दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की खाप महापंचायतें आयोजित हो रही हैं, वहीं बृजभूषण शरण ने अयोध्या में होने वाली महारैली को टाल दिया है. डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने फेसबुक पर यह जानकारी साझा की है।

बता दें कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है. बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर में यौन शोषण की मांग/छेड़छाड़ के कम से कम 10 मामले दर्ज हैं. शिकायत में 10 ऐसे मामलों का जिक्र है जिनमें छेड़छाड़ की शिकायत है। शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू कर दिया था।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में गलत तरीके से छूना, सीने पर हाथ रखने या हाथ रखने की कोशिश करना, सीने से पीछे की ओर हाथ ले जाना, पीछा करना शामिल है. दिल्ली पुलिस ने ये दोनों एफआईआर 28 अप्रैल को दर्ज की थीं। उसके खिलाफ 21 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई गई थी।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दोनों एफआईआर आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (साझा इरादा) के तहत दर्ज हैं। 353A में एक से तीन साल की जेल की सजा है।

पहली प्राथमिकी में छह वयस्क पहलवानों के खिलाफ आरोप शामिल हैं। इसमें डब्ल्यूएफआई (WFI) के सचिव विनोद तोमर का भी नाम है। दूसरी प्राथमिकी एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और इसमें POCSO अधिनियम की धारा 10 भी शामिल है, जिसमें पांच से सात साल की जेल की सजा है। यौन उत्पीड़न की शिकायतों में उल्लिखित घटनाएं 2012 और 2022 के बीच हुईं। यौन उत्पीड़न भारत और विदेश दोनों जगह हुआ।

एफआईआर में बताया गया है कि बृजभूषण ने उसे कस कर पकड़ रखा था। तस्वीर लेने का नाटक किया। कंधे पर जोर से दबाया और फिर उसके शरीर को गलत तरीके से छुआ। बृजभूषण ने मना करने के बावजूद पीड़िता की शिकायत पर अमल किया।