जोश तथा उत्साह के साथ सीमा सुरक्षा बल ने मनाया 56 वां स्थापना दिवस
नयी दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े सीमा प्रहरी बल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आज जबरदस्त जोश तथा उत्साह के साथ अपना 56 वां स्थापना दिवस मनाया और इस दौरान विभिन्न मार्चिंग दस्तों ने भव्य पारंपरिक परेड में अनुशासन , सजगता तथा मातृ भूमि की रक्षा के प्रति अपनी वचनबद्धता का परिचय दिया।
कार्यक्रम में नहीं आये अमित शाह
बीएसएफ के यहां स्थित छावला कैंप में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने परेड की सलामी ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था लेकिन किसानों के आंदोलन से संबंधित बैठक में हिस्सा लेने के लिए अंतिम समय में उन्हें इस कार्यक्रम को टालना पड़ा। स्थापना दिवस समारोह कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए मनाया गया और इस दौरान सभी एहतियाती उपाय किये गये।
01 दिसम्बर 1963 को हुआ था गठन
पाकिस्तान और बंगलादेश से लगने वाली 6386 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की निगरानी करने वाले बल बीएसएफ का गठन 01 दिसम्बर 1963 को किया गया था। उसके बाद से यह बल जीवन पर्यन्त कर्त्यव के अपने ध्येय वाक्य के साथ देश की सीमाओं की रक्षा कर रहा है।
बल में 192 बटालियन
बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने बल की स्थापना के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि कभी 25 बटालियन के साथ शुरू हुआ यह सीमा प्रहरी बल अब 192 बटालियन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा प्रहरी बल बन गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए बल ने अपनी एक पहचान बनायी है। बल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि बल की सीमाओं की रक्षा में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी जायेगी और बल के जवान तथा अधिकारी भविष्य की चुनौतियों का डटकर सामने करना करने के लिए तैयार है।
शहीद सीमा प्रहरियों को श्रद्धांजलि
श्री नित्यानंद राय ने इस मौके पर शहीद स्मारक जाकर शहीद सीमा प्रहरियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने जवानों तथा अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदकों तथा विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदकों से सम्मानित किया। प्रशिक्षण और खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए गुजरात फ्रंटियर को अश्वनी कुमार ट्राफी प्रदान की गयी। उन्होंने बल की पत्रिका ‘ई बॉडरमैन’का भी विमाेचन किया।
साइकिल अभियान को दिखाई हरी झंडी
श्री राय ने कहा कि हमारी पश्चिमी सीमा पर पडोसी देश संघर्ष विराम उल्लंघन , घुसपैठ , हथियारों तथा मादक पदार्थों की तस्करी की गतिविधियों में लिप्त है लेकिन हमारे बल के जवान उसकी कोशिशों को नाकाम करते रहे हैं। बीएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हमेशा उनके साथ खड़े हैं तथा उनकी हर तरह की जरूरत को पूरा करने के लिए सभी कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर 3800 किलोमीटर लंबे कश्मीर से कन्याकुमारी तक के साइकिल अभियान को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।