भाजपा का किसान सम्मेलन एक नाटक: अजय कुमार लल्लू
लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा सरकार द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन पर प्रहार करते हुए कहा कि महीनों से दिल्ली की सीमा पर अन्नदाता कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है, 500 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके है, लेकिन किसानों की शहादत पर शोक सम्वेदना का एक शब्द न व्यक्त करने वाली भाजपा सरकार अब फर्जी किसानों की भीड़ जुटाकर किसान सम्मेलन कर रही है। उंन्होने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लागू न करने का हलफनामा दिया है। यह किसानों के साथ विश्वासघात है। इससे बीजेपी के दोहरे चरित्र का पता चलता है। किसान अब जाल में फंसने वाला नही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू ने कहा कि गन्ना किसानो का 18000 करोड रुपया निजी व सहकारी चीनी मिलो पर बकाया है। भुगतान न होने से आर्थिक तंगी की मार झेलने को विवश कितने गन्ना किसानों की आत्महत्या को उत्तर प्रदेश व देश ने देखा है। किसानों की आय दोगुनी करने वाली भाजपा के राज में उपज की लागत जरूर दोगुनी हो गयीं है। किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर 4 प्रतिशत से बढाकर 7 प्रतिशत कर देने से किसानों की कमर बुरी तरह टूट गयी है। केंद्र की सत्ता में आते ही भाजपा ने जून 2014 में किसानों को संरक्षण देने के लिये कांग्रेस सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल को समाप्त करने की कोशिश की, एमएसपी पर राज्य सरकारों से मिलने वाला बोनस बंद कर दिया। उंन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार में गेंहू आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क था, भाजपा सरकार ने उसे शून्य कर दिया। उत्तर प्रदेश में मेंथा पर 1.5 प्रतिशत मंडी शुल्क व 12 प्रतिशत जीएसटी है। भाजपा सरकार यूरोपियन कम्पनी बीएसएफ के मेंथा उत्पाद पर शून्य जीएसटी लेकर देशी किसानों को बर्बाद करने के रास्ते बना रही है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि यह वही भाजपा व उसकी सरकार है, जिसने पूर्व में किसानों को मवाली, आतंकवादी और खालिस्तानी कहकर उनका अपमान करते हुए झूठी धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने में कोई कसर नही छोड़ रही थी। उसका अब किसान सम्मेलन करना यह साबित करता है कि वह किसानों के भले में काम करने के स्थान पर सिर्फ कोरी बयानबाजी के लिये अपने कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर उन्हें किसान बताने का षड्यंत्र रच रही है।