नूंह:
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा की जांच जारी है. नूंह हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, जिसमें बिट्टू बजरंगी भागता दिख रहा है और पुलिस उसका पीछा कर रही है. उसे बाद में पुलिस द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया। बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है.

विश्व हिंदू परिषद ने अब बिट्टू बजरंगी से दूरी बना ली है. वीएचपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ”राज कुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी, जिसे बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, उसका बजरंग दल से कभी कोई संबंध नहीं रहा है. विश्व हिंदू परिषद भी उनके द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए वीडियो की सामग्री को उचित नहीं मानता है।

गौरतलब है कि कल तक बिट्टू बजरंगी को कथित तौर पर बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा था. वह खुद को बजरंग दल से जोड़ते थे, लेकिन अब वीएचपी ने बट्टू बजरंगी को खुद से अलग कर दिया है.

31 जुलाई को नूंह में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा निकाले जाने से दो दिन पहले 29 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हुआ था. दावा किया गया था कि यह पोस्टर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल हरियाणा की ओर से जारी किया गया था. पोस्टर में बिट्टू बजरंगी की भी तस्वीर है. पोस्टर में लोगों से धार्मिक यात्रा में शामिल होने की अपील की गई है। इस पोस्टर से यह भी जाहिर हो रहा है कि बिट्टू बजरंगी बजरंग दल से जुड़ा हुआ था. हालांकि नवजीन इस पोस्टर की पुष्टि नहीं करते हैं.

बिट्टू बजरंगी का असली नाम राज कुमार है. वह खुद को गौरक्षा बजरंग फोर्स का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताता है। नूंह में हिंसा से पहले बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह उस मंदिर का जिक्र कर रहा है जहां से तीर्थयात्रा शुरू होने वाली थी. वीडियो में बिट्टू बजरंगी कह रहा है कि हम अपने साथियों के साथ कुछ ही देर में नूंह पहुंचने वाले हैं, उनके स्वागत के लिए तैयार रहना, ये मत कहना कि हमने पहले से नहीं बताया. वीडियो में पीछे से आवाज आती है कि जीजाजी आ रहे हैं, उनके स्वागत के लिए तैयार रहना.

बताया जा रहा है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद नूंह में माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. बाद में धार्मिक यात्रा पर पथराव हुआ. बताया जाता है कि यात्रा में बिट्टू बजरंगी भी शामिल हुआ था. यात्रा पर पथराव के बाद हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. नूंह हिंसा की आग गुरुग्राम तक फैल गई थी. गुरुग्राम में भी कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी हुई. मस्जिद पर हुए हमले में एक नायब इमाम की जान चली गई थी.