बिटक्वॉइन ने तोड़े रिकॉर्ड, पहली बार 50,000 डॉलर के पार
नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन मंगलवार को पहली बार 50,000 डॉलर के आंकड़े को पार कर गयी . बिटक्वॉइन के बढ़ने की वजह है कि ज्यादा कंपनियों ने डिजिटल करेंसी को मंजूरी दी है जिससे इसकी भुगतान के वैध माध्यम के तौर पर इसे अपनाया जा रहा है. बिटक्वॉइन को ज्यादातर वैल्यू के स्टोर पर देखा जाता है जैसे सोना और कुछ जगहों में इसे सामान या सेवाओं के तौर पर अपनाया जाता है.
कंपनियां इसे लेकर आशंकित रही हैं जिसकी वजह इसकी अस्थिरता है. हालांकि, पिछले सोमवार इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने डिजिटल करेंसी के बाजार को झटका दिया था, जब उसने कहा था कि वे नई निवेश रणनीति के भाग के तौर पर बिटक्वॉइन में 1.5 अरब डॉलर खरीद रहे हैं और वे जल्द ही अपनी कारों के बदले बिटक्वॉइन को मंजूर करेगी. इसके बाद Virginia के ब्लू रिज बैंक ऑफ Charlottesville ने कहा था कि वह पहला कमर्शियल बैंक बनेगा जो अपनी शाखाओं पर बिटक्वॉइन का एक्सेस उपलब्ध कराएगा. रीजनल बैंक ने बुधवार को कहा था कि कार्डधारक बिटक्वॉइन को उसके 19 एटीएम पर खरीद और रिडीम कर सकते हैं.
अमेरिका के सबसे पुराने बैंक BNY Mellon ने एक दिन बाद कहा कि वे क्लाइंट्स को उपलब्ध कराने वाली सेवाओं में डिजिटल करेंसी को शामिल करेगा. मास्टरकार्ड ने कहा कि वह अपने नेटवर्क पर चुनिंदा क्रिप्टो करेंसी को सपोर्ट करना शुरू करेगी. ज्यादातर लोगों का मानना है कि करेंसी के तौर पर बिटक्वॉइन के बड़े स्तर की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. Berkeley में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के फाइनेंस प्रोफेसर Richard Lyons ने कहा कि यह अनिवार्य है. Lyons ने कहा कि बिटक्वॉइन और दूसरी डिजिटल करेंसी अगले पांच सालों में ट्रांजैक्शन वाली मुद्रा बन जाएंगी. यह रातों-रात नहीं होने वाला है.