बिहार, यूपी बोर्ड परीक्षा 2024: परीक्षा से जुड़े तनाव और चिंताओं का कैसे करें सामना
- तरुण सैनी, सह-संस्थापक एवं सीईओ, विद्याकुल
बोर्ड की परीक्षाएं किसी भी छात्र के शैक्षिक जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव होती हैं और इस दौरान तनाव होना बहुत ही सामान्य बात है। हालांकि, तनाव से निपटने की असरदार रणनीतियों के साथ छात्र इस महत्वपूर्ण समय में अपने प्रदर्शन और स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। बोर्ड परीक्षाओं की वजह से होने वाले तनाव और चिंताओं का सामना करने के पांच तरीके यहां बताए गए हैं:
- पढ़ाई का समय और लक्ष्य तय करें: तनाव का एक प्रमुख कारण यह है कि छात्र परीक्षा के लिए तैयार किए जाने वाले विषयों की व्यापकता की वजह से घबरा जाते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि छात्र पढ़ाई के लिए ऐसे समय सारिणी तैयार करें जिसके हिसाब से वे वास्तव में पढ़ सकें और अपने लिए वास्तविक लक्ष्य तय करें। पाठ्यक्रम को अच्छी तरह पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उसे छोटे और पढ़े जाने योग्य हिस्सों में बांट लें और हर हिस्से के लिए उचित समय तय कर लें। परीक्षा की तारीखों और अपनी योग्यता के हिसाब से विषयों को प्राथमिकता देने से संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित होता है। छात्र हर विषय को अच्छी तरह कवर कर सकते है और पढ़ाई करने की योजना अच्छी तरह बनाकर परीक्षा से जुड़े तनाव को कम कर सकते हैं।
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें: सेहतमंद जीवनशैली प्रभावी ढंग से तनाव से निपटने का मूल आधार है। भरपूर नींद, संतुलित खानपान और नियमित व्यायाम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में योगदान देंगे। हर रात 7 से 8 घंटे की नींद लेना ज्ञान संबंधी क्षमता को बढ़ाता है और बेहतर ढंग से पढ़ने में मदद करता है। छात्रों को संतुलित खानपान लेना चाहिए, उन्हें अपने खानपान में फल और सब्ज़ियों जैसे पोषणयुक्त पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिससे मस्तिष्क को अच्छी तरह काम करने में मदद मिले। नियमित तौर पर शारीरिक गतिविधि जैसे की हर दिन थोड़ा सा टहलने से तनाव को कम करने में और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, छात्रों को मेडिटेशन या योग जैसे सुकून देने वाली तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए। इन गतिविधियों से दिमाग को शांत रखने और तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। रोज़ाना की गतिविधियों में सचेत रहने से पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
- पढ़ाई में साथ देने वाला दोस्त ढूंढें और परिवार की मदद लें: पढ़ाई में साथ देने वाले दोस्त के साथ परीक्षा की तैयारी का बोझ साझा करना बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। अपनी ही कक्षा के किसी दोस्त के साथ पढ़ाई करने से सहयोगात्मक वातावरण बन जाता है और इससे अलग विचार व अलग दृष्टिकोण साझा करने का मौका भी मिलता है। इससे सीखने की प्रक्रिया को मज़ेदार बनाया जा सकता है और डर भी खत्म हो जाता है। परीक्षा के दौरान परिवार का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। छात्रों को परिवार के साथ अपनी चिंताएं और प्रगति के बारे में बातचीत करते हुए कोई परेशानी महसूस नहीं होनी चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें परिवार से प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए। इससे छात्रों को भावनात्मक रूप से मदद मिल सकती है और वे अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित कर सकते हैं।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों की मदद लें और मॉक टेस्ट दें: छात्रों को परीक्षा के पैटर्न से परिचित होने और पिछले वर्षों के दौरान पूछे गए अलग-अलग प्रकार के सवालों के बारे में जानने के लिए समय निकालना चाहिए, ताकि तैयारी के दौरान आत्मविश्वास बढ़ सके। परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रश्नपत्रों को हल करना परीक्षा के अनुभव को महसूस करने का उत्कृष्ट तरीका है। मॉक टेस्ट, अपनी जानकारी का आकलन करने, कमज़ोरियों को पहचानने और परीक्षा देने की रणनीतियों में सुधार करने में भी मदद करते हैं। उपयुक्त वातावरण तैयार करना, समयसीमा का पालन करना और मॉक टेस्ट को वास्तविक परीक्षा की ही तरह देना बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है। बार-बार दोहराने से छात्र अपने पाठ्यक्रम से अच्छी तरह परिचित हो जाते हैं जिससे परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
- नोट्स तैयार करें और महत्वपूर्ण जानकारी को संक्षेप में लिख लें: पूरी तैयारी के दौरान संक्षिप्त और प्रभावी नोट्स बनाना और महत्वपूर्ण तथ्यों और जानकारी को संक्षेप में लिख लेना छात्रों के लिए लाभदायक साबित होगा। फटाफट पाठ्यक्रम दोहराने के दौरान ये नोट्स बहुत काम आएंगे। इनसे समय की बचत होती है और परीक्षा के करीब आने पर तनाव कम करने में भी ये काम आते हैं।
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि बोर्ड की परीक्षाएं छात्रों के लिए बहुत ही तनावपूर्ण समय होता है। फिर भी योजना बनाकर और तनाव से प्रभावी तरीके से निपटकर परीक्षाओं के तनावपूर्ण समय से अच्छी तरह से पार पाया जा सकता है। पढ़ाई के लिए सही समय सारिणी बनाकर, सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखकर, सामाजिक सहयोग हासिल कर, पिछले प्रश्नपत्रों की मदद लेकर और अपनी दिनचर्या में मॉक टेस्ट को शामिल कर कोई भी आत्मविश्वास के साथ परीक्षाओं का सामना कर सकता है और तनाव को कम कर सकता है।