पटना:
बिहार के सारण (छपरा) जिले में जहरीली शराब से अबतक 45 लोगों की मौत शराब पीने से मौत हो चुकी है। जबकि रिकार्ड में सिर्फ 26 लोगो का ही नाम दिखाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मृतकों की संख्या 50 से ज्यादा हो सकती है।

कई लोगों का छपरा के सदर अस्पताल और पटना के पीएमसीएच में इलाज जारी है। जिसमें कई की स्थिती गंभीर बताई जा रही है। वहीं जिला प्रशासन लगातार मौत के आंकड़े को दबाने में लगा है।

घटना मशरक थाना क्षेत्र तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र की है। मशरक थाना क्षेत्र से मशरक तख्त, यदू मोड़, पचखंडा, बहरौली बेनछपरा घोघियां, गंगौली, गोपालवाड़ी, हनुमानगंज तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला और महुली के साथ अमनौर और मढौरा में लोगों की जहरीली शराब पीने से जान चली गई। कुछ मृतक के परिजनों ने प्रशासन के डर से मंगलवार के शाम में ही शव को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर ग्रामीणों और पीड़ितों के परिजनों से जानकारी ले रहे हैं। जहरीली शराब कांड के बाद मौतों के आंकड़ों को लेकर प्रशासन पर हेराफेरी का भी आरोप लगाया जा रहा है। वहीं श्मशान घाट में अचानक बढ़ी शवों की संख्या भी कुछ और ही इशारा कर रही है। सिर्फ आज दोपहर तक सिमरिया स्थित श्मशान घाट में 20 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, जो आम दिनों की अपेक्षा में काफी अधिक है।

अचानक शवों की संख्या के बढ़ने पर यहां के दुकानदार और घाट के डोम राजा भी काफी हैरत में हैं। सिमरिया मुक्तिधाम के डोम राजा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान भी एक दिन में इतने शव नहीं जल रहे थे, जितने 10 घंटे में जल चुके हैं। हालांकि अंतिम संस्कार करने वाले लोग उन्हीं इलाकों के बताए जा रहे हैं, जहां जहरीली शराब कांड की घटना घटी है। लेकिन इस पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।