बड़ी जातियों के सम्मेलन भाजपा विरोधी लड़ाई को करेंगे कमजोर-आइपीएफ
- 9 अगस्त रोजगार के सवाल पर धरने का आइपीएफ ने किया समर्थन
लखनऊ: शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दे पर आंदोलन करते हुए आइपीएफ उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार, सहकारी समितियों व बैंकों के पुनर्जीवन व पुनर्गठन और कानून व्यवस्था के नाम पर आरएसएस-भाजपा की तानाशाही के मुद्दे को मजबूती से उठायेगा। यह निर्णय आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक में लिया गया।
बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए आइपीएफ प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम ने प्रेस को बताया कि बैठक में प्रदेष में 5 लाख रिक्त पदों पर भर्ती, हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी और रोजगार न मिलने तक बेकारी भत्ता देने जैसे युवाओं के सवालों पर 9 अगस्त से युवा मंच द्वारा लखनऊ में अनिश्चितकालीन धरने के समर्थन का प्रस्ताव लिया गया। बैठक में यह माना गया कि बसपा और कुछ जगह सपा द्वारा बड़ी जातियों के सम्मेलन चुनावी राजनीति के लिहाज से हो रहे हैं। जो नागरिकता व लोकतांत्रिक चेतना को भ्रष्ट करते है और अंततः तानाशाही की ताकतों को ही मदद करते है।
ऐसे सम्मेलन भाजपा विरोधी लड़ाई को कमजोर करेंगे। बैठक में आइपीएफ राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी, प्रदेश महासचिव डा. बृज बिहारी, दिनकर कपूर, शगुफ्ता यासमीन, उमाकांत श्रीवास्तव, राजेश सचान, इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, इकबाल अहमद अंसारी, अजय राय, कृपाशंकर पनिका, राधेश्याम, रामदास गोंड़, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, एसबीएल हंस आदि लोग मौजूद रहे।