सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की जातीय जनगणना कराये और आबादी के अनुपात में आरक्षण दे: भवन नाथ पासवान
लखनऊ: छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती के अवसर पर डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय भवन नाथ पासवान द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने सहयोगियों एवं संगठन के पदाधिकारियों के साथ छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती संगठन के कार्यालय में मनायी गई। इस अवसर पर श्री पासवान ने कहा की कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज ने उन्नीस सौ दो मैं आज ही के दिन अपने राज्य के कर्मचारियों में 50 फीसदी जगहें समाज के पिछड़े वर्गों से भरने का ऐलान किया यह पहला अवसर था जब उन्होंने अपने राज्य मंें नियुक्त कर्मचारियों में सभी समाज को बिना किसी भेदभाव के प्रतिनिधित्व दिया। कालान्तर (1917) में यही प्रस्ताव बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर जी ने साउथ ब्रो कमेटी के सामने प्रस्तुत किया। जो कार्य छत्रपति शाहूजी महाराज नें कोल्हापुर के नागरिकों के लिए किया, वही कार्य बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर जी ने भारत के समस्त नागरिकों के लिए किया। 1927 में जब साइमन कमीशन भारत आया तब यही प्रस्ताव बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर जी ने उसके समक्ष भी रखा। लेकिन जब पिछड़ों की सूची बनाई जाने लगी तब पिछड़े वर्ग के बहुत बड़े हिस्से ने उस में रुचि नहीं ली और सूची में शामिल होने से वंचित रह गए। कम्युनल अवार्ड के माध्यम से सूचीबद्ध लोगों को प्रतिनिधित्व मिल गया लेकिन बाबा साहब ने अपने संघर्ष को यही नहीं रोका। जब संविधान की रचना होने लगी तब अनुच्छेद 340 में यह प्रावधान किया की आयोग बना कर सूची में शामिल होने से वंचित रह गए पिछड़ों को प्रतिनिधित्व देने के लिए भारत सरकार एक आयोग गठित करें और सूची में शामिल होने से वंचित रह गए लोगों को भी प्रतिनिधित्व दे। संविधान लागू हो जाने के उपरांत सूची में शामिल होने से वंचित रह गए लोगों को प्रतिनिधित्व देने के लिए काका कालेलकर आयोग बनाया गया जिसने अपनी रिपोर्ट 1955 में शासन को सौंप दिया लेकिन 1977 तक उस रिपोर्ट पर कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ। 1977 मैं जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो अन्य पिछड़ों को आरक्षण देने की बात जोर पकड़ने लगी तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने कहा की अब यह रिपोर्ट पुरानी हो चुकी है और उन्होंने अन्य पिछड़ा की जांच पड़ताल के लिए बीपी मंडल के नेतृत्व में दूसरा आयोग बना दिया मंडल आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होती उससे पहले जनता पार्टी की सरकार गिर गई और 1980 में पुनः इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सरकार बन गई तथा मंडल आयोग की रिपोर्ट अधर में पड़ी रही। 1989 में जब डीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल की सरकार बनी तब भी पी सिंह ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को एक छोटे हिस्से को लागू कर दिया। बी पी सिंह जी को साधुवाद लेकिन अदालती पचड़े में फंस कर पुनः मंडल आयोग की सिफारिश अधर में पड़ गई। इस तरह जो आरक्षण पहली सूची के पिछड़ों को 1950 में मिल गया था दूसरी सूची के पिछड़ों को 45 वर्ष बाद यानी 1995 मिला लेकिन यह बहुत अधकचरा था तब से अब तक 25 वर्ष हो गए लेकिन अब तक दूसरी सूची के पिछड़ों की जनगणना नहीं हुई डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच देश की वर्तमान सरकार से छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती के शुभ अवसर पर अन्य पिछड़ों की जनगणना करा कर पहली सूची के़े पिछड़ों की तरह ही दूसरी सूची के अन्य पिछड़ों को हर क्षेत्र में हर स्तर पर आरक्षण की व्यवस्था करें। छत्रपति शाहूजी महाराज को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी और पिछड़ों के महान नेता बीपी मंडल का यही सम्मान होगा। लॉकडाउन की वजह से हम छत्रपति शाहू जी महाराज को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं अगर सरकार ने हमारी अपील की अनसुनी की तो लॉक डाउन के बाद डॉक्टर अंबेडकर राष्ट्रीय एकता मंच पूरे देश में सड़क पर उतर सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से माननीय राम बहादुर पूर्व आईएएस संरक्षक डा0 अम्बेडकर राष्टीय एकता मंच,सर्ब श्री केपी राहुल धम्म प्रचारकष् राधेश्याम राम, ओ पी गौतम, करनम किशन, आशाराम सरोज, राम सिंह, फतेह बहादुर सिंह, आदित्य वर्मा, राकेश चंद्र राना, मोहम्मद हनीफ खान, राम आसरे पटेल, शैलेश धानुक, प्रवेश कुमार, राम विरज रावत, आशीष कुमार, भास्कर पासवान, प्रवेश कुमार, सुभाष पासी, डॉ आर बी सरोज, राम सजीवन, पृथ्वीराज यादव, पीतांबर प्रसाद, अमरनाथ, राम सेवक रावत, बाबा राम नरेश रावत, सोहनलाल, सुभाष चंद्र आदि सम्मिलित थे।