हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारिख का एलान होते ही कुछ समय पहले तक भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार रही जननायक जनता पार्टी (JJP) में भगदड़ मच गयी है. पिछले 24 घंटे में JJP के 4 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इनके नाम हैं ईश्वर सिंह, देवेंद्र बबली, अनूप धानक और राम करण कला. हरियाणा के टोहाना से जेजेपी विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ने आज पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दिया है, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अजय चौटाला को एक पत्र के जरिए अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले पार्टी के एक और विधायक और पूर्व मंत्री अनूप धानक और रामकरण काला ने भी पार्टी छोड़ दी है.

इसके अलावा जननायक जनता पार्टी के विधायक ईश्वर सिंह ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है. ईश्वर सिंह ने कैथल की गुहला विधानसभा सीट से 2019 में जजपा की टिकट पर जीत दर्ज की थी. विधायक ईश्वर सिंह ने JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला को अपना इस्तीफा सौंपा है.जेजेपी के ऑफिस सेक्रेट्री रणधीर सिंह ने कहा कि जब हमारी नई पार्टी बनी थी, तो नेता पार्टी में शामिल हुए और विधायक बन गए. अब चुनाव की घोषणा के बाद पार्टी छोड़ रहे हैं. रणधीर सिंह ने कहा कि हमने सभी को लीगल नोटिस दिए हैं. एंटी पार्टी एक्टिविटी के तहत नोटिस दिए हैं. जिनके जवाब भी आ गए हैं, रामकरण काला ने 2 बार जवाब भेजा और खुद उनसे मिलकर गए थे.

उन्होंने कहा कि रामकरण काला ने हमें बताया कि वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. किसी दूसरी पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं हैं. जबकि हमने उन्हें अखबारों के डॉक्यूमेंट भी दिए हैं, रणधीर सिंह ने कहा कि हमने 2 विधायकों को लीगल नोटिस दिया है, जिसमें रामनिवास सूरज खेड़ा और जोगीराम सिहाग हैं, जो लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के स्टेज पर मौजूद थे और बीजेपी के लिए वोट भी मांग रहे थे, जबकि वह हमारी पार्टी से विधायक थे.

बता दें कि सूबे की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी काबिज है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 36.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. तब कांग्रेस को 28.2 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. दुष्यंत चौटाला की नई-नवेली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) 14.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतने में सफल रही थी.

इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी ने एक फीसदी से भी कम वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत हासिल की थी. 7 निर्दलीय भी चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे थे. हालांकि कोई भी पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 46 सदस्यों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी.

नतीजों के बाद बीजेपी ने जेजेपी, हरियाणा लोकहित पार्टी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बना ली थी. लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जेजेपी से गठबंधन तोड़कर मनोहरलाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था. 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में पहली बार बीजेपी को जीत मिली थी, बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई. तब आईएनएलडी 19 सीटें जीतकर दूसरे और कांग्रेस 15 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही थी.