चीनी मोबाइल कंपनी VIVO के साथ बीसीसीआई का बरक़रार रहेगा नाता!
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अगर ‘करार खत्म करने के नियम’ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल प्रायोजक वीवो को फायदा होता है तो फिर बीसीसीआई के इस चीनी मोबाइल कंपनी से नाता तोड़ने की संभावना नहीं है लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इसकी समीक्षा के लिये इस लीग की संचालन परिषद की बैठक कब होगी। बीसीसीआई ने 15 जून की घटना के तुरंत बाद कहा था कि आईपीएल प्रायोजकों की समीक्षा की जाएगी।
आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में भाग लेने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘हमें अब भी टी20 विश्व कप, एशिया कप की स्थिति के बारे में पता नहीं है तो फिर हम बैठक कैसे कर सकते हैं। हां, हमें प्रायोजन पर चर्चा करने की जरूरत है लेकिन हमने कभी रद्द या समाप्त करने जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा कि हम प्रायोजन की समीक्षा करेंगे। समीक्षा का मतलब है कि हम करार के सभी तौर तरीकों की जांच करेंगे। अगर करार खत्म करने का नियम वीवो के अधिक पक्ष में होता है तो फिर हमें 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के करार से क्यों हटना चाहिए? हम तभी इसे समाप्त करेंगे जब ‘करार खत्म करने का नियम’ हमारे पक्ष में हो।’’
यह पता चला है कि बीसीसीआई के कुछ पदाधिकारियों का विचार है जब तक वीवो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए खुद पीछे नहीं हटता तब तक बोर्ड को अनुबंध का सम्मान करना चाहिए। यह करार 2022 में समाप्त होगा। करार को अचानक समाप्त करने पर बीसीसीआई को पर्याप्त मुआवजा देना पड़ सकता है। इसके अलावा बीसीसीआई को कम समय में इतनी अधिक राशि का प्रायोजक मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित है।