बाराबंकी: कोविड-19 गाइडलाइन्स की अफरातफरी के बीच बी एड की प्रवेश परीक्षा सम्पन्न
रिपोर्ट–हयातुर्रहमान
बाराबंकी। कोविड-19 के संक्रमण प्रसार के दौरान सफलतापूर्वक बी एड की प्रवेश परीक्षा दो सत्रों में सम्पन्न हो गई।
शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक अभ्यर्थी को मास्क, सेनेटाइजर प्रवेश पत्र के साथ लाना अनिवार्य किया गया था किंतु जब गेट पर चेकिंग आरम्भ हुई तो अनेक अभ्यर्थियों के पास न तो मास्क थे न ही सेनेटाइजर। ऐसे में परीक्षा प्रबंधकों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराते हुए प्रवेश पर रोक लगा दी। मरता क्या न करता की तर्ज पर दौड़ भाग कर अभ्यर्थियों ने मास्क व सेनेटाइजर खरीदे और तब प्रवेश पा सके। चूँकि एक घण्टे पहले ही प्रवेश आरम्भ किया गया था अतः किसी अभ्यर्थी को विशेष परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यही दृश्य लगभग सभी परीक्षा केन्दों का रहा है।
राजकीय बालिका इण्टर कालेज बाराबंकी की प्रिंसिपल के आमंत्रण पर परीक्षा केंद्र पर रेडक्रास सचिव प्रदीप सारंग के नेतृत्व में सदानन्द वर्मा, अम्बरीष कुमार सिंह, अमिता वर्मा, विक्रम रावत, कुलदीप त्यागी, सबा फातिमा, आशा सिंह, आदि स्वयंसेवकों ने दोनों पॉली में अभ्यर्थियों की थर्मल स्केनिंग की और सेनेटाइज भी कराया। बाराबंकी में सम्पन्न इस प्रवेश परीक्षा में स्थानीय अभ्यर्थियों के साथ साथ, पड़ोसी जिलों अयोध्या, बस्ती, अंबेडकर नगर, तथा इलाहाबाद तक के अभ्यर्थी सम्मिलित रहे हैं।
उल्लास के साथ मनाया गया हलछठ का त्योहार
बाराबंकी। गाँव से लेकर शहर तक हलछठ व्रत व त्योहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने घरों में षष्ठी देवी का चित्र दीवाल पर बनाकर पूजन अर्चन किया तो वहीं पुत्रों ने अपनी माताओ को महुवा का पेंड़ भेंट कर त्योहार को हरियाली से जोड़ दिया।
ग्रीन गैंग पर्यावरण सेना के कोऑर्डिनेटर रजत बहादुर वर्मा निवासी छुलिहापुरवा मसौली बाराबंकी बताते हैं कि हलछठ व्रत पूजन में महुवा के पत्तो का महत्व है। महुवा के पेड़ कम हो रहे हैं इसीलिए आज माताओं को महुए के पेंड़ भेट किये गए हैं।
यह व्रत महिलाएं अपने पुत्रों की लंबी आयु के लिए रखती है, पुत्र ही नही बल्कि सम्पूर्ण जगत बिना वृक्षों के नहीं रह सकता। संचालक प्रदीप सारंग के नेतृत्व में ग्रीन गैंग पर्यावरण सेना की मुहिम का एक आयाम यह भी है कि त्योहारो जन्मदिन आदि विशेष दिवसों या मौकों पर वृक्षारोपण किये जायें तथा पेंडो को उपहार स्वरूप प्रदान करने की परम्पराएं प्रचलन में आएं।
इस अवसर पर रजत बहादुर के साथ अमरेन्द्र वर्मा, कार्तिक पटेल, प्रशांत आदि मौजूद रहे।