लखनऊ
मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने पाकिस्तान के पाराचिनार और ग़ाज़ा पर होने वाले हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ये मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध हैं। इन हमलों में निर्दोष नागरिकों, महिलाओं और बच्चों की हत्या अस्वीकार्य है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत इन घटनाओं पर ध्यान देना चाहिए। ये हमले न सिर्फ अम्न और शांति के लिए खतरा हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन हैं। हम प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति रखते हैं और मांग करते हैं कि हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।

उन्होंने कहा कि पाराचिनार के हक़ के लिए आवाज़ उठाने के जुर्म में जिस तरह से मौलाना हसन ज़फर साहब को निशाना बनाया गया उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। हम पाराचिनार के विरोध प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हैं जो विरोध प्रदर्शन में घायल हुए और उनके ठीक होने की दुआ करते हैं।

मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि हम पाकिस्तान के शिया नेतृत्व से एक जुटता के साथ विरोध जारी रखने की अपील करते हैं और लोगों से अनुरोध है कि वे नेतृत्व के फैसलों को स्वीकार करें और उनका समर्थन करें। इतिहास गवाह है कि जहां भी जनता ने उलेमा और नेतृत्व का साथ दिया है, वहां उन्हें सफलता मिली है। कुछ लोग पाराचिनार और ग़ाज़ा को दो अलग-अलग घटनाओं के रूप में देखते हैं, जबकि दोनों जगहों पर अत्याचार हो रहे हैं और दोनों ही निंदनीय हैं।