जयपुर:
गांधी जयंती के मौके पर जयपुर सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में सालों से एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने की परंपरा रही है लेकिन राजस्थान में इसका पालन नहीं हो सका जिसका मुझे दुख है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री के सवाल पर गहलोत ने फिर कहा कि मैं सीएम रहूंगा या नहीं इसका फैसला आलाकमान करेगा.

इसके अलावा सीएम ने रविवार के घटनाक्रम को याद करते हुए गहलोत ने कहा कि आखिर विधायक दल की बैठक से पहले 80-90 फीसदी विधायक नाराज क्यों हो गए इस पर रिसर्च किया जाना चाहिए और पता करना चाहिए कि विधायकों ने इस्तीफा क्यों दिया.

गहलोत ने कहा कि हमेशा जब राज्य में मुख्यमंत्री जाने लगता है तो 80-90 फीसदी विधायक साथ छोड़ देते हैं इसका क्या कारण है पता किया जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि आखिर क्यों नए मुख्यमंत्री का नाम आते ही लोग लोग भड़क गए, उनको कैसे पता चला?

सीएम ने आगे कहा कि पार्टी पर्यवेक्षक आलाकमान का प्रतिनिधि होता है और विधायकों ने पर्यवेक्षकों की बैठक का बहिष्कार कर दिया ऐसी नौबत क्यों आई जिस पर हमें विचार करना होगा.

गहलोत ने कहा कि पर्यवेक्षक की बात आलाकमान की बात होती है ऐसे में पर्यवेक्षकों को उसके हिसाब से काम करना चाहिए. बता दें कि गहलोत ने इशारों-इशारों में अजय माकन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें भी जवाब दे दिया है.

गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक सरकारें गिराने का काम किया है और राजस्थान में भी वह एक प्रयास कर चुकी है लेकिन हमारे विधायकों ने सफल नहीं होने दिया. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार गिराने के लिए विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये के ऑफर दिए गए लेकिन हमारे विधायक बिके नहीं और आखिरी समय तक सरकार का साथ दिया.