अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को दी राजस्थान सरकार बर्खास्त करने की चुनौती
दिल्ली:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को केंद्र की बीजेपी सरकार के आरोपों पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि अगर हम आतंकवादियों से सहानुभूति रखते हैं तो केंद्र को हमें बर्खास्त करे। गहलोत ने कहा, “केंद्र की मोदी सरकार ने उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या का जिक्र करते हुए राजस्थान सरकार पर आतंकवादियों से सहानुभूति रखने का आरोप लगाया। अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को राजस्थान सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।”
अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाली सरकार को बर्खास्त कर सकती है। उसके पास यह अधिकार है। जब अधिकार है तो वो ऐसा क्यों नहीं करती? गहलोत ने सोमवार को सूरसागर, सरदारपुरा में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अलग से बैठक की। साथ ही रविवार को अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने कायलाना के एक होटल में कार्यकर्ताओं की दिवाली मिलन समारोह में हिस्सा लिया।
अशोक गहलोत ने दिवाली स्नेह मिलन कार्यक्रम में कहा, ”उदयपुर के कन्हैया लाल के मामले में हमने तुरंत कार्रवाई की। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। चूंकि इन आरोपियों का भारतीय जनता पार्टी से कनेक्शन था, इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने अभी तक चालान भी पेश नहीं किया है। बीजेपी राज्य सरकार पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाकर विधानसभा चुनाव के समय राज्य का माहौल खराब करना चाहती है।
गहलोत ने कहा, “प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के भाषणों में धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण की कोशिश रहती है। दरअसल राजस्थान में उन्हें कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, वे कर्नाटक में तो बजरंग बली कहते-कहते थक गए, मगर जीत नहीं पाए। कांग्रेस भारी बहुमत से जीत गई।”
सीएम गहलोत ने कार्यकर्ताओं से कहा, ”राजस्थान में सर्वे करने वालों और सट्टेबाजों को खरीद लिया गया है, लेकिन इस बार राजस्थान में इतिहास बनेगा। परंपरा टूटेगी, कांग्रेस सरकार वापस आएगी, क्यांकि जन घोषणापत्र की सभी घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। सरकार ने जनता के लिए कई कानून बनाए हैं। महंगाई राहत शिविर से आम लोगों को फायदा हुआ है।”
अशोक गहलोत ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के दौरान और अधिक सक्रिय होने की जिम्मेदारी दी। कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद उन्होंने एक निजी होटल में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से भी मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने कई नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की और उनसे प्रतिक्रिया ली।