विधानसभा चुनाव से पहले अरविन्द शर्मा बने प्रदेश उपाध्यक्ष
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल और क्षेत्रीय पदों पर नियुक्ति की चर्चाएं काफी लंबे समय से चल रही थीं. आज यानी शनिवार को इस बदलाव की शुरुआत भी हो चुके हैं. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने एके शर्मा, सदस्य विधान परिषद (मऊ) को प्रदेश उपाध्यक्ष, अर्चना मिश्रा (लखनऊ) व अमित वाल्मीकि (बुलंदशहर ) को प्रदेश मंत्री नियुक्त किया है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आज पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रूखाबाद) को युवा मोर्चा, गीताशाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, श्री कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेंद्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष घोषित किया. कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा और कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है.
यूपी में एके शर्मा के पद को लेकर उप मुख्यमंत्री पद तक की चर्चा हुई थी. उनको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाईं जा रही थी. एके शर्मा पूर्वांचल खासकर काशी क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. यूपी के मऊ जिले के रहने वाले एके यानी अरविंद कुमार शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहें हैं. उन्हें पीएम मोदी का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है. शर्मा की सक्रियता न सिर्फ पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी ही नहीं बल्कि आस पड़ोस के जिलों में भी सक्रिय हैं.
इसी साल के जनवरी महीने में उन्होंने वीआरएस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए थे. कुछ दिन बाद ही वो यूपी से एमएलसी चुने गए. इसके बाद उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की अटकलें लगने लगी. जबकि कुछ लोगों का कहना था की उन्हें योगी मंत्रिमंडल में शामिल कर अहम विभाग सौंपें जाएंगे. इसकी एक खास वजह ये भी थी क्योंकि गुजरात से लेकर पीएमओ तक वो पीएम मोदी के पसंदीदा अधिकारी रहे है. लेकिन इस बीच कोरोना काल की शुरुआत हो जाने से उनको पूर्वांचल और खासकर वाराणसी की जिम्मेदारी दी गई.