अखिलेश सरकार में हुए सभी दंगो की कराई जाएगी जाँच: शाहनवाज आलम
लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले स्पीक अप माइनॉरिटी अभियान के 13वें खण्ड में आज वक्ताओं ने पिछले दिनों हुए परिवर्तन संकल्प सम्मेलन में पारित 16 सूत्रीय संकल्पों पर बात की। जिसके निशाने पर सपा की पिछली सरकारें रहीं।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने 16 संकल्पों पर प्रकाश डालते हुए मुख्य रूप से कहा कि 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार में हुए सभी छोटे बड़े दंगो की जांच करा कर सज़ा दी जायेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव सरकार में फ़ैज़ाबाद के भेलसर, भदरसा, रुदौली में हुए दंगे के आरोपियों के खिलाफ़ सिर्फ़ इसलिए कार्यवाई नहीं की गयी कि अधिकतर आरोपी अखिलेश यादव के सजातीय थे।
अपने वक्तव्य में प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि इसीतरह मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमन्त्री रहते हुए 23 दिसंबर 1994 को पत्र लिख कर कानपुर के दंगों के दोषियों पर से मुकदमा हटा लेने का आदेश दिया था। जबकि उस दंगे में 254 लोग मारे गए थे। यहाँ तक कि उस दंगे की जाँच के लिए गठित जस्टिस माथुर कमिशन की रिपोर्ट पर भी भी कार्यवाई नहीं की और दोषी अधिकारियों को डीजीपी तक बनाया गया। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कांग्रेस उस रिपोर्ट पर कार्यवाई कर 254 मृतकों को इंसाफ दिलायेगी।
शाहनवाज आलम ने स्पीक अप माइनॉरिटी पर अपनी बात रखते हुए स्पष्ट किया कि सपा सरकार में बंद की गई सभी टेनरियों को दुबारा शुरू किया जाएगा और लाइसेंस प्रक्रिया को आसान किया जाएगा। उन्होंने सपा पर बुनकर और क़ुरैशी समाज को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा के लिए पिछड़े मतलब सिर्फ़ एक जाति थी। उन्होंने पसमांदा तबकों के विकास के लिए अलग से पसमांदा आयोग के गठन की भी बात की।