“इसलिए ज़ख्म मोहब्बत का हरा रहता है”
सूरतगंज मे आयोजित हुआ आल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन
सूरतगंज, बाराबंकी: (फ़हीम सिद्दीक़ी)
स्थानीय कस्बा के स्थित बेल चौराहे के निकट शनिवार रात आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सपा जिला अध्यक्ष हाफिज अयाज़ अहमद व संचालन नदीम फर्रुख ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप एवं साझी विरासत के कन्वीनर परवेज अहमद ने फीता काटकर किया।
मुशायरे में देश के नामचीन शायरों व कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरीं ।
मशहूर शायर हाशिम फ़िरोज़ाबादी ने पढ़ा
खुशबू में, पत्तियों में, कली में, गुलाब में,
तुझको अगर दिखूं तो दिखूं किस हिसाब में।
शायरा सबा बलरामपुरी ने पढ़ा
अब मुझे चाहे जिस सिन्फ़ में ढाल लो,
तुम ही ग़ालिब मेरे तुम ही ख़य्याम हो।
वक़ार काशिफ ने पढ़ा
यह जो पानी मेरी आँखों में भरा रहता है,
इसलिए ज़ख्म मोहब्बत का हरा रहता है।
कवि विकास बौखल ने पढ़ा
कुछ लोग जो आरामो ऐश ढूंढ रहे हैं,
बिन माल बिके ही वो कैश ढूंढ़ रहे हैं,
दंगे में दरोगा को फोन हमने जब किया,
वो बोले कि मंत्री की भैंस ढूंढ रहे है।
उस्मान मीनाई ने पढ़ा
नाम चीज़ों के बदलने में बहुत माहिर हो,
नारियल का भी ज़रा नाम हथौड़ा कर दो।
इनके अलावा शाइस्ता सना, वसीम रामपुरी, कुंवर जावेद, बिहार लाल अम्बर, फ़ारूक़ आदिल, एजाज़ कानपुरी, नादिम बाराबंकवी, परवेज़ यज़दानी,अज़्म गोंडवी आदि ने भी अपना कलाम पेश किया। देर रात तक चले इस मुशायरे में बड़ी संख्या में लोगों उपस्थित रहे। अंत में कमेटी अध्यक्ष रिजवान अहमद व कमेटी के मेम्बरों ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर कन्वीनर अब्दुल हफीज,उपाध्यक्ष जियाउर्रहमान, ख़ज़ांची मो ज़ैद, सिराजुद्दीन, उबैदुरेहमान, इस्लामुद्दीन, हाफ़िज़ शादाब, क़य्यूम, ज़ुबेर, मुन्ना, कमाल, कल्लू, शमीम, अय्यूब, मुश्ताक़ ,पारस चौहान, शेखरपाल, उस्मान, इकरामुद्दीन, अशफ़ाक़, शिबू, सुफ़ियान, शकील चौधरी, शहज़ाद,साहिल, अफ़्फ़ान समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।