पंघल के बाद थापा भी फाइनल में स्प्लिट डिशिजन में हारे
-भारतीय महिला मुक्केबाजों ने जीते हैं 1 स्वर्ण, 3 रजत और 6 कांस्य
नई दिल्ली: भारत के शिवा थापा (64 किग्रा) दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन सोमवार को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग के खिलाफ फाइनल मुकाबले में हार गए।
बातरसुख चिनजोरिग ने थापा को 3-2 -से हराया। हार के बावजूद थापा एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार पांचवां पदक जीतने में सफल रहे। थापा ने 2013 में सोना जीता था। इसके बाद 2015 में बैंकाक में वह कांस्य जीतने में सफल रहे थे। इसी तरह 2015 में थापा ने रजत पदक जीता था। 2019 में बैंकाक मे थापा के हिस्से कांस्य आया था।
इससे पहले, मौजूदा चैम्पियन पंघल 52 किग्रा के फाइनल मुकाबले में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन से हार गए। इस तरह, अमित ने 2019 में जो खिताब जीता था, उसकी रक्षा वह नहीं कर सके।
एशियाई खेलों के चैम्पियन टाप सीड पंघल को शाखोबिदीन ने 3-2 से हराया। विश्व चैम्पियनशिप में रजत चुके पंघल को अब रजत पदक से संतोष करना होगा। एशियाई चैम्पियनशिप में यह कुल तीसरा और पहला रजत पदक है। इससे पहले पंघल ने 2019 में सोना और 2017 में ताशकंद में कांस्य पदक जीता था।
अब बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत भारत के लिए अंतिम चुनौती पेश करेंगे। संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे।
इससे पहले, भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 10 पदक हासिल किए। इसमें पूजा रानी (75 किग्रा) का स्वर्ण शामिल है जबकि 51 किग्रा वर्ग में एमसी मैरी कोम, 64 किग्रा वर्ग में लालबुतसाही और +81 किग्रा वर्ग में अनुपमा ने रजत पदक जीता।
इसके अलावा सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा) और स्वीटी (81 किग्रा) ने कांस्य रदक जीते। पुरुष वर्ग में विकास कृष्ण (69 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) ने भी कांस्य जीता।
इनकी शानदार सफलता के बूते भारत कुल 15 पदक जीत सका। खास बात यह है भारतीय महिलाओं ने हर भार वर्ग में पदक जीता और भारत को 2019 से बेहतर सफलता दिलाई, जब भारत ने बैंकाक में 13 पदक जीते थे।
इसमें हरियाणा की भिवानी की पूजा की उपलब्धि खास है क्योंकि वह अपना खिताब बचाने में सफल रहीं। मैरी कोम हालांकि अपना रिकार्ड छठा स्वर्ण नहीं जीत सकीं। इसी तरह लालबुतसाही ने अपने निडर खेल से सबको प्रभावित किया।
इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है।
पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जा रहा है जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जा रहा है।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।