भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी की स्मृति में एक स्मृति सभा का आयोजन सीपीएम लखनऊ कमेटी द्वारा सीपीएम कार्यालय परिसर में किया गया । इस मौके पर विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों सहित शहर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए । स्मृति सभा में सबसे पहले सीपीएम जिला सचिव मधु गर्ग द्वारा एक शोक प्रस्ताव पढ़ा गया जिसमें कामरेड सीताराम येचुरी के आरंभिक जीवन से लेकर छात्र आंदोलन और उनकी राजनैतिक यात्रा तथा गठबंधन की राजनीति में उनकी भूमिका पर बात की गई ।‌ कामरेड सीताराम की स्मृति में दो मिनट के मौन के बाद उनको श्रद्धांजलि दी गई । स्मृति सभा में बोलते हुए सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य कामरेड बाबूराम ने उनकी राजनैतिक दृढ़ता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए उनके संघर्षों को याद किया । प्रो नदीम हसनैन कैफ़ी आज़मी के शेर को पढ़ते हुए उन्हें याद किया सपा से मेयर प्रत्याशी रही वंदना मिश्रा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के दिनों की याद करते हुए कहा कि 1977 में इमरजेंसी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी से सीताराम येचुरी ने छात्रों के जुलूस के साथ उनके घर जाकर कुलपति पद से इस्तीफा मांग कर अपनी राजनैतिक निडरता का परिचय दिया था ।‌ इप्टा के राकेश जी ने उनके बहुआयामी व्यक्तित्व की चर्चा की ।‌ ‌ उनकी सहृदयता और ईमानदार प्रतिबद्धता के कारण उनके दोस्तों का दायरा बहुत व्यापक था ।‌

हिंदी आलोचक वीरेंद्र यादव ने कहा कि गठबंधन की राजनीति के का सीताराम सूत्रधार थे ।‌ कांग्रेस के दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के दिनों में कामरेड सीताराम येचुरी उन्हें प्रेरित करते थे ।‌ समाजवादी छात्र सभा के महेंद्र यादव ने छात्र आंदोलन के प्रेरणास्रोत थे ।‌ स्मृति सभा को संचालित करते हुए नलिन रंजन सिंह ने कहा कि दिल्ली में उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने इंडिया गठबंधन के दलों के अतिरिक्त देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी भी आये जो उनकी लोकप्रियता को बताते हैं ।

दिनकर कपूर ने कहा कि वे एक राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ बहुत अध्ययनशील थे। उन्हें कई भाषाओं के ज्ञाता थे तथा कई किताबों के लेखक थे ।‌आज की स्मृति सभा में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति , एसएफआई , नौजवान सभा , किसान सभा , लेखक संगठन , कर्मचारियों के संगठनों सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।