जातीय अहम् से बाहर निकलकर ही पिछड़ा समाज अपने पिछड़ेपन से मुक्ति पा सकता है : लक्ष्य
लक्ष्य की महिला टीम ने ” घर घर भीमचर्चा” अभियान के तहत एक भीम चर्चा का आयोजन लखनऊ के कुर्सी रोड पर स्थित जे एस काम्प्लेक्स में लक्ष्य कमांडर शिव कुमारी पाल जी के निवास स्थान पर किया |
बहुजन समाज के लोगों को अपनी आर्थिक व सामाजिक स्थति में बदलाव के लिए अपनी जातियों की दीवारों को तोड़ना होगा और विशेषतौर से पिछड़े समाज को इसमें अहम् भूमिका निभानी होगी क्योंकि वो आज भी अपने पिछडे़पन पर ध्यान न देकर वो अपनी जातियों पर गर्व कर रहा है जोकि उसके पिछड़ेपन का मुख्य कारण है अर्थात् जातीय अहम् से बाहर निकलकर ही पिछड़ा समाज अपने पिछड़ेपन से मुक्ति पा सकता है। यह बात लक्ष्य की महिला कमांडरों ने भीमचर्चा के दौरान कही |
उन्होंने कहा कि यह बात हमारे महापुरुषों ने भी कही थी कि अगर पिछड़ों को अपने पिछड़ेपन का अहसास हो जाए तो देश की तस्वीर बदल जाएगी,जहाँ समानता व भाईचारे का बोलबाला होगा, देश में भेदभाव का नामो निशान नहीं रहेगा तथा देश का प्रत्येक व्यक्ति खुशहाल होगा, सभी को विकास के बराबर अवसर प्राप्त होंगे और मुट्टीभर दूषित मानशिकता वाले लोगों का वर्चस्व समाप्त होगा |
इस भीमचर्चा में लक्ष्य कमांडर शिव कुमारी पाल, संघमित्रा गौतम, रेखा आर्या, राजकुमारी कौशल, रजनी सोलंकी, सुमन मौर्या, पूजा सिंह, इंद्रावती, पूज्य भंते सुमित पाल जी, हिमांशु पाल, सिधांशु पाल, अंश रुदु व एस पी कौशल ने हिस्सा लिया |