पैदल व निजी वाहन से लौटे श्रमिक साबित कर रहे प्रशासन की लापरवाही

रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता


बहराइच 17 मई। प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासो के बावजूद गैर प्रान्तो से लौट रहे प्रवासी श्रमिक कोरोना कैरियर साबित हो रहे है। जिले में मात्र चैबीस घंटे के अन्दर 8 नये कोरोना मरीजो की पुष्टि के बाद जिले मे संक्रमितो का पारा लगातार चढ़ रहा है। जिले में अब तक 43 संक्रमितो की पुष्टि हो चुकी है जिनमे 8 मरीजो के स्वस्थ होकर घर लौटने के बाद एक्टिव केसो की संख्या 35 रह गई है।

प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों व जिला प्रशासन की कड़ी एहतियात के बावजूद जिले के विभिन्न क्षेत्रो मे लौट रहे प्रवासी कामगार कोरोना कैरियर बन बैठे है। बहराइच जिले के बार्डर चेक पोस्टो पर पुलिस की कड़ी निगरानी, थर्मल स्क्रीनिंग व वाहनो से आश्रय स्थलो तक पहुचाये जाने और डाटा पंजीकरण व जांच के उपरान्त संदिग्धो की छंटनी करने का कार्य जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर जारी है। प्रवासी कामगारो में संदिग्ध कोरोना मरीजो की छंटनी जहां प्रशासन की सजगता दर्शाता है वहीं इन संदिग्धो की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आना उसके लिये मुसीबत खड़ा कर देता है।

योगी सरकार के कड़े निर्देशो के बावजूद जिले की बार्डर सीमा पर प्राइवेट वाहनो को रोकने की समुचित व्यवस्था न होने तथा पैदल व अन्य संसाधनो से जिले मे प्रवेश कर रहे सभी प्रवासी श्रमिको की जांच न हो पाना कहीं जिले भर के लिये बड़ी समस्या न खड़ी कर दे। प्रदेश सरकार द्वारा कड़े निर्देश जारी होने के बावजदू भी आज जिले के कई स्क्रीनिंग सेन्टरो पर प्राइवेट वाहनो व पैदल लौट रहे श्रमिको की आमद दर्ज की गयी, जो कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।

शनिवार की देर रात 5 प्रवासी कामगारो की रिपोर्ट पाजिटिव आयी, इनमे हुजूरपुर, जरवल, हरदी व कैसरगंज क्षेत्र के प्रवासी शामिल है। बताया जाता है कि स्वास्थ्य महकमे द्वारा इनमे से कुछ प्रवासियो की रिपोर्ट संदिग्ध आने के बाद उनके घर भेजा दिया था और दूसरी रिपोर्ट पाजिटिव आते ही आनन-फानन मे उनके गांव से लाकर सभी को कोविड अस्पताल पहुचाया। वही दूसरी ओर रविवार को भी 3 प्रवासी श्रमिको की रिपोर्ट पाजिटिव आयी। जिनमें रामगांव, शिवपुर व खैरीघाट के 1-1 प्रवासी शामिल है।

18 मई से लाकडाउन-4 की शुरूआत व जिले में कोरोना मरीजो की संख्या 43 होने के साथ ही नगर समेत जिले भर में बाजारो का खोला जाना प्रशासन के लिये वाकई में खतरे की घंटी है। वही जिले की आम जनता भी प्रशासनिक दिशा-निर्देशो की अनदेखी कर घोर लापरवाही बरतती नजर आ रही है और पुलिस प्रशासन मौन धारण किये हुए है। अब देखना है कि प्रशासन क्या रणनीति अपनाककर कोरोना संक्रमण पर काबू पाने मे किस हद तक कामयाब होता है।