जीएसटी रिटर्न में देरी पर ब्याज में 50 फीसदी रियायत
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट से जूझ रहे छोटे कारोबारियों को जीएसटी पर ब्याज में राहत देने का ऐलान किया है। जीएसटी परिषद ने फैसला किया है कि पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं को फरवरी, मार्च और अप्रैल के रिटर्न फाइलिंग में देरी पर सिर्फ आधा यानी 9 फीसदी ब्याज देना होगा, बशर्ते वे इन महीनों के रिटर्न सितंबर तक दाखिल कर दें। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार अब व्यापारियों को सिर्फ 9 फीसदी ब्याज देना होगा। हालांकि यह लाभ उन्हें तभी मिलेगा, जब सितंबर 2020 तक रिटर्न दाखिल कर दिये जायेंगे।
इसके अलावा जीएसटी परिषद ने अगले तीन महीनों मई, जून और जुलाई के लिये रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को भी सितंबर तक बढ़ा दिया। इसके लिये कोई ब्याज या विलंब शुल्क नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को जीएसटी रिटर्न देरी से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
सीतारमण ने कहा कि अन्य इकाइयों के लिये जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि के लिये मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगने वाले शुल्क को घटाकर अधिकतम 500 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस महामारी के असर पर चर्चा की। इसके अलावा कुछ उद्योगों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर से जीएसटी संग्रह पर पड़ रहे असर को लेकर भी चर्चा की गयी। जीएसटी परिषद ने वस्त्र उद्योग में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के बारे में भी बातचीत की।