अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में आज यहां उनके सरकारी आवास पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इण्टरनेशनल एयरपोर्ट, अयोध्या के प्रथम चरण के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा क्रय की गयी 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित की गयी। इसके लिए प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य लीज एग्रीमेण्ट का निष्पादन किया गया। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष के मध्य लीज एग्रीमेण्ट दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन स्मृतियों को समर्पित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की आज शुरुआत हुई है। इस शुरुआत के अवसर पर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य भूमि लीज एग्रीमेंट की कार्यवाही सम्पन्न होना अत्यन्त अभिनन्दनीय पहल है। उन्होंने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को राज्य सरकार के साथ समयबद्ध ढंग से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बासन्तिक नवरात्रि की पावन तिथि है। नवरात्रि की पावन तिथि भारत की सनातन परम्परा में ऊर्जा के संचार की तिथि के रूप में मानी जाती है। ऊर्जा एक सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है। विकास का यह प्रतीक अयोध्या जैसी पावन नगरी के साथ जुड़ा हो, तो देश व दुनिया को प्रफुल्लित करता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण दिन है। जब भारत की एक प्रमुख प्राचीन नगरी अयोध्या, जिसे भारत के आस्थावान नागरिक एक पवित्र नगरी के रूप में देखते हैं, उसे वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा। रामलला अपने स्वयं के मन्दिर में विराजमान होंगे। रामलला के भव्य मन्दिर निर्माण के साथ ही हमें इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी भी करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 02 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील थे। पहला देश की राजधानी लखनऊ का तथा दूसरा प्राचीनतम नगरी काशी का। गोरखपुर व आगरा में मात्र एक वायुसेवा थी, जो कभी-कभी चल पाती थी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं। वर्ष 2017 तक राज्य वायुसेवा के माध्यम से सिर्फ 25 गंतव्य स्थानों से जुड़ा था, उसमें भी निरन्तरता का अभाव था। आज 75 से अधिक गंतव्य स्थानों के लिए प्रदेश से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 10 नये एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही चल रही है। प्रदेश में वर्तमान में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर कराया जा रहा है। अयोध्या में आज से अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो रही है। जब यह दोनों अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे तो किसी भी राज्य की तुलना में प्रदेश के पास सर्वाधिक एयरपोर्ट होंगे। तब उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होगा, जो अपनी बेहतरीन वायु कनेक्टिविटी के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को बेहतरीन वायुसेवा की सुविधा उपलब्ध करवाने के बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सफल होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज के कार्य के लिए भूमि की जितनी आवश्यकता थी, अयोध्या के जिला प्रशासन ने इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया है। इससे सम्बन्धित पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत करके पहले ही जिला प्रशासन को उपलब्ध करवायी जा चुकी है। इस अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता है, उसमें से मात्र 86 एकड़ भूमि ही बाकी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिला प्रशासन तीव्र गति से शेष 86 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का कार्य करेगा। इस एयरपोर्ट के तीनों फेजों के निर्माण के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उतनी भूमि प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ाकर अयोध्या नगरी को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने के साथ ही हम बेहतरीन कनेक्टिविटी को उपलब्ध कराने में सफल होंगे।