गडकरी ने किया माल्या का बचाव
बोले, सभी लोन डिफाल्टर चोर नहीं होते
नई दिल्ली। देश की एजेंसियां जहां कर्ज न चुकाने के मामले में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन से भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिशें तेज कर रही हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के एक महत्वपूर्ण सदस्य ने कहा है कि ऋण न चुकाने वाले (डिफाउल्टर) हर किसी पर चोर का तमगा नहीं मढ़ा जाना चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि विजय माल्या के डिफाल्ट पर न्यायिक प्रक्रिया जारी है। जो भी सही होगा, वह कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले उसकी कंपनी बैंकों को नियमित रूप से ब्याज देती थी। उस समय लोग कंपनी को अच्छी रेटिंग दे रहे थे। सलाहकारों को अच्छा समझा जा रहा था। उनके प्रबंधकों को अच्छा समझा जा रहा था। जब एक कंपनी समस्याओं में घिर जाती है, तो सभी को चोर का तमगा दिया जाने लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार कानून के मुताबिक कदम उठा रही है। गडकरी ने कहा कि जब वैश्विक स्तर पर और खासकर चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, तो भारत में अधिकतर उद्योगों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। सरकार के हस्तक्षेप से हालांकि अवसंरचना, इस्पात और सीमेंट उद्योग में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि हर चीज अच्छी स्थिति में नहीं है। हम हालांकि स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम हर डिफाल्टर को चोर नहीं कह सकते। हमें यह देखना होगा कि इसके पीछे नीयत सही थी या बुरी। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमें एक सकारात्मक, विकासपरक रुख अपनाना होगा। जिनकी नीयत बुरी नहीं है, हमें उनकी मदद करनी होगी। बुरी नीयत से ऋण वापस नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।