लखनऊः प्रदेश की संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमारी कोरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों को दी जाने वाली मासिक पेंशन का नये सिरे से आंकलन किया जाय, ताकि अधिक से अधिक वृद्ध कलाकार लाभन्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की सबसे महत्वाकांक्षी योजना सांझी विरासत है, जिसका आयोजन लखनऊ के अलावा कन्नौज एवं कानपुर में भी जल्द किया जाय। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर महापुरूषों की प्रतिमाओं की स्थापना की कार्यवाही शीघ्र पूरी करने के भी निर्देश दिए। 

श्रीमती कोरी आज यहां बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों को जिन्होंने अपना पूरा जीवन कला एवं संस्कृति की आराधना में लगा दिया है, परन्तु वृद्धावस्था एवं खराब स्वास्थ्य के कारण अपनी जीविका-उपार्जन में असमर्थ हो गये हैं, उन्हें प्रतिमाह 2000 रुपये पेंशन दी जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि नये सिरे से विपन्न कलाकारों का चयन किया जाए, ताकि अधिक से अधिक वृद्ध कलाकार इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें । उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की सबसे अनूठी एवं महात्वाकांक्षी योजना साझी विरासत है। इसके तहत प्रत्येक माह लखनऊ के डा0 राम मनोहर लोहिया पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा हैं। इसकी लोकिप्रियता को देखते हुए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन अब अन्य जनपदों में भी कराये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गये हैं। उन्होंने जनपद कन्नौज और कानपुर में सांझी विरासत कार्यक्रम शीघ्र आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए।  

राज्यमंत्री ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊ में स्व0 राम शरण दास तथा शाहजहांपुर में प्रख्यात कवि दामोदर दास विद्रोही की प्रतिमा स्थापित की जानी है, लेकिन यह कार्य अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है, यह स्थिति अच्छी नहीं है।  उन्होेने इन महानुभावों की मूतिर्यों को तत्काल स्थापित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही  नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने संगीत नाटक अकादमी द्वारा कलाकारों को दिये जाने वाले पुरस्कारों के वितरण हेतु प्रभावी कदम उठाने पर बल देते हुए निर्देशित किया कि पुरस्कार वितरण हेतु बजट आदि से संबंधित प्रस्ताव तत्काल तैयार किया जांए।  उन्होंने कहा कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी के कलाकारों एवं विद्यार्थियों को समय से मानदेय दिये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अकादमी में बंद पार्किंग व्यवस्था को तत्काल शुरू किया जाय, जिससे यहां आने वालों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य संग्रहालय में निर्माणाधीन म्यूजियम की गैलरी के कार्य शीघ्र पूरे किये जायंे, ताकि म्यूजिम को दर्शकों के लिए खोला जा सके। उन्होंने राय उमानथ बली प्रेक्षागृह के सुदृढ़ीकरण के भी निर्देश दिए। 

श्रीमती कोरी ने बैठक के दौरान कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि विभाग की वेबसाइट अप-डेट नहीं है, जो अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही को द्योतक है, तत्काल वेबसाइट को अपडेट किया जाए। अन्यथा दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होगी। उन्होंने गत वर्ष की लम्बित परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए वर्तमान में चल रहीं योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल की। इसके अतिरिक्त 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत कराये गये कार्यों की भी उन्होंने समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि चालू वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित कार्यक्रमों की रूप रेखा 15 दिन में तैयार कर उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए। 

बैठक में सचिव संस्कृति, अनीता सी0 मेश्राम ने संस्कृति मंत्री को विभागीय गतिविधियों से अवगत कराते हुए आश्वस्त किया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के निर्धारित कार्यक्रमों और योजनाओं के लक्ष्यों को समय से पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन प्रभावी तौर पर सुनिश्चित किया जायेगा। 

समीक्षा बैठक में विशेष सचिव/अपर निदेशक तथा सचिव संगीत नाटक अकादमी तुलसी राम, निदेशक संग्रहालय ए0के0सिंह, निदेशक अयोध्या शोध संस्थान वाई0पी0सिंह, निदेशक जनजाति कल्याण संस्थान  रतनेश वर्मा तथा निदेशक अभिलेखागार रूबीना बेग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।