दक्षिण अफ़्रीकी होने पर जैक कालिस शर्मिंदा
नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर जैक कैलिस ने अपनी सरकार द्वारा देश के 4 खेल महासंघों पर प्रतिबंध लगाने को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी कहलाने में भी बेहद ‘शर्म’ महसूस हो रही है। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने पर्याप्त रूप से अश्वेत खिलाड़ियों को मौका नहीं देने पर इन संघों को इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए बोली लगाने से रोक दिया है।
हुआ यह कि दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री ने सोमवार को घोषणा की थी कि देश के बड़े खेल महासंघों क्रिकेट, एथलेटिक्स, रग्बी और नेटबॉल में अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण इन महासंघों पर किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने पर रोक लगा रहे हैं, जिसके बाद अब ये महासंघ कम से कम एक वर्ष के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की न तो मेजबानी कर पाएंगे और न ही उसके लिए दावेदारी कर पाएंगे।
सरकार के इस फैसले पर दुख और नाराजगी व्यक्त करते हुए कैलिस ने कहा, ‘सरकार का यह फैसला निराशाजनक है और अब मुझे दक्षिण अफ्रीकी कहलाने पर गर्व की बजाय शर्मिंदगी महसूस हो रही है।
वर्तमान में आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स में कोच की भूमिका निभा रहे कलिस ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया। बाद में उन्होंने एक और ट्वीट करके कहा कि उनका विरोध अश्वेतों के लिए नहीं था।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका की 90 फीसदी आबादी अश्वेतों की है, बावजूद इसके रंगभेद खत्म होने के लगभग 2 दशक बाद भी खेलों विशेष रूप से क्रिकेट और रग्बी में अश्वेतों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।