अल्बर्ट समाजवाद की वैचारिक ताकत थे : शिवपाल यादव
लखनऊ: महान वैज्ञानिक, दार्शनिक व समाजवादी चिन्तक अल्बर्ट आइंस्टीन की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में कालीदास मार्ग स्थित सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सपा के प्रदेश-प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक दर्शन और वैचारिकी को नया आयाम दिया है। उन्होंने 1937 में “समाजवाद क्यों“ शीर्षक से लम्बा लेख लिखकर प्रकाशित करवाया जिसमें समाजवादी सिद्धांतों की खुली पैरवी की। वे अणु बम बनाने वाले पहले वैज्ञानिक थे जिन्हें सापेक्षता के सार्वभौमिक सिद्धांत के कारण जाना जाता है। आइंस्टीन जैसी विभूतियाँ विरले ही पैदा होती हैं। उनका और लोहिया का संवाद वैश्विक समाजवाद की अनमोल थाती है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने उन्हीं के तर्ज पर अमरीका से भारत लौटने पर “समाजवाद क्यों“ पुस्तिका लिखी थी। इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काउंसिल के सचिव व समाजवादी लेखक संघ के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि आइंस्टीन दुनिया भर के सभी समाजवादियों के आदर्श हैं। लोहिया अपनी प्रथम अमरीकी यात्रा के दौरान आइंस्टीन के प्रिंस्टन आवास पर जाकर मिले और समाजवाद के विविध पहलुओं पर चर्चा की। इस संवाद की व्यापक चर्चा हैरिस वोफोर्ड ने अपनी पुस्तक “लोहिया एण्ड अमरीका मीट“ में की है। आइंस्टीन ने लोहिया के विकेन्द्रीकरण के सिद्धांत की प्रशंसा करते हुए कहा था कि दुनिया का भला सिर्फ समाजवादी सोच से ही सम्भव है। संगोष्ठी में तमिलनाडु के सोशलिष्ट दामोदरन, डी.एस. यादव समेत कई समाजवादियों ने अपने विचार व्यक्त किए।