इस्लामिक शरीयत की हिफाजत हर हाल में: मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड
तौकीर सिद्दीक़ी
लखनऊ: नदवा कालेज परिसर में आज आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई । बैठक में शरीयत और पर्सनल ला से जुड़े मुसलमानों के पारिवारिक मामलों में सरकारी अदालतों की बढ़ती दखलंदाजी पर खासतौर पर गौर किया गया । हाल के दिनों में ऐसे कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी किये हैं। पर्सनल ला बोर्ड इसे शरीयत और पर्सनल ला के मामलों में दखल मान रहा है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस्लामिक शरीयत की हिफाजत करने में वह पीछे नहीं हटेगा।
बोर्ड की कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्य जफरयाब जीलानी ने हिन्दुस्तान से बातचीत में साफ तौर पर कहा कि सरकारी अदालतें ऐसे मामलों में बगैर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का पक्ष सुने कोई फैसला नहीं कर सकतीं। इसलिए बोर्ड खुद एक पक्षकार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रहा है।
बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए जफरयाब जिलानी ने बताया कि मौलाना वली रहमानी को बोर्ड का जनरल सेक्रेट्री व मौलाना शाह फजले रहीम को सचिव बनाया गया है. उन्होंने बताया कि बोर्ड की कमेटियों के काम से बोर्ड संतुष्ट है।कुछ मुस्लिम लीडरों को बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड तीन तलाक, हलाला और एक से ज्यादा शादियों के मसले पर बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। बोर्ड किसी भी सरकारी स्कूल में किसी भी धर्म की तालीम के खिलाफ है।बोर्ड सामाजिक सुधारों पर भी फोकस करेगा।इसमें महिलाओं के प्रति सामाजिक सुधारों में शादी को आसान बनाना, बिना दहेज की शादी को प्रमोट करना शामिल है।इसके अलावा धार्मिक सौहार्द बढ़ाने के लिए सभी धर्मों के लीडरों को साथ में लेकर काम किया जाएगा।
प्रेस कांफ्रेंस में जफरयाब जिलानी के अलावा मौलाना रशीद फिरंगी महल, डा असमा जाहिरा और बदांयू से वर्किंग कमेटी के मेंबर डा यासीन अली मौजूद रहे।