जिंदा जलाए गए यासीन की मौत
डॉकटरों पर लापरवाई का आरोप, रिहाई मंच ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
लखनऊ । बाराबंकी, हैदरगढ़ के मो0 यासीन जिनकी जमीनी विवाद में जिंदा जला देने की वजह से सिविल अस्पताल लखनऊ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यह खबर आज सुबह उनके परिजनों ने रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब को दी। यासीन की मृत्यु की खबर के बाद रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, शबरोज मोहम्मदी, शकील कुरैशी, सामाजिक कार्यकर्ता नाहिद अकील, सृजन योगी आदियोग, इंसानी बिरादरी के वीरेन्द्र गुप्ता आदि सिविल अस्पताल लखनऊ पहुंचे।
रिहाई मंच ने अस्पताल प्रशासन पर चिकित्सा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। यासीन के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उनकी समय से पट्टी नहीं बदली गई और लगातार चिकित्सा में उपेक्षा की गई। अस्पताल प्रशासन उनको लगातार धमकी देता था कि तुम लोग मीडिया को बुला रहे हो नेताओं पर इल्जाम लगा रहे हो।
मंच ने कहा कि जिस तरह से यासीन प्रकरण में शुरु से ही सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर आरोप लग रहा है ऐसे में इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। वहीं मंच ने यह भी कहा कि जिस तरह से यासीन के दोनों हाथों में और पीछे आग लगी थी ऐसी स्थित में इतनी जल्दी मृत्यु हो जाना भी संदेह पैदा करता है। क्योंकि उनके शरीर में जहां आग लगी वहां से इतनी तेज इन्फेक्शन नहीं फैल सकता था।