राज्यपाल ने दो विधेयकों पर लगाई मोहर
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज संविधान के अनुच्छेद 200 के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल की अनुमति के लिये भेजे गये विधेयक (1) उत्तर प्रदेश हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय विधेयक, 2016 (2) उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2016 पर अनुमति प्रदान कर दी हैं।
अनुमोदित विधेयक राज्य विधान सभा से 8 मार्च, 2016 एवं विधान परिषद द्वारा 9 मार्च, 2016 को पारित हुए थे। 15 मार्च, 2016 को सरकार द्वारा दोनों विधेयक राजभवन प्रेषित किये गये थे, जिन्हें परीक्षण उपरान्त राज्यपाल ने अपनी अनुमति प्रदान की है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय विधेयक, 2016 द्वारा हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान जो कि एक स्वायत्त संस्थान था, को विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होगा। हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना 1921 में हुई थी। अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, बेसिक एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, प्रबंधन, वास्तुशास्त्र तथा अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के क्षेत्र में शोध और विकास का उद्भवन पर सकेंद्रित होते हुए उसे एक अग्रणी आवासीय विश्वविद्यालय एवं उत्कृटता का केन्द्र बनाने, उच्च शिक्षा के उदीयमान क्षेत्रों में अध्ययन, शोध नवाचार को प्रोत्साहित करने, सत्त शिक्षा कार्यक्रम तथा ज्ञान उद्भवन के माध्यम से कौशल विकास को अग्रसर करने और उससे संबंधित या आनुषंगिक अन्य विषयों की व्यवस्था करने के लिए इस संस्थान को हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के रूप में परिवर्तित किया गया है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2016 राजकीय सेवाओं में शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण से संबंधित विधेयक है।