सैनिकों के परिजनों का ध्यान रखना सरकार, समाज का दायित्व: राम नाईक
राज्यपाल ने शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों के परिजनों का ध्यान रखना सरकार और समाज का दायित्व है। देश की सुरक्षा के लिए हमारे सैनिक देश की सीमा पर और आतंकवाद के विरूद्ध दिन के 24 घंटे से लेकर साल के 365 दिन पूरी जागरूकता के साथ विषम परिस्थितियों में काम करते हैं। देश की सेवा तन, मन और धन से करें तो देश का गौरव बढे़गा। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनके परिजनों को दी जाने वाली पेंशन तथा सैनिकों को मिलने वाले वीरता पुरस्कार की श्रेणी में आने वाले सभी पुरस्कारों की अनुदान राशि 30 प्रतिशत बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
राज्यपाल आज जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय, लखनऊ एवं डाॅ0 के0एल0 गर्ग मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नारी शिक्षा निकेतन, कैसरबाग के प्रेक्षागृह में शहीद सैनिक सम्मान एवं पुनर्मिलन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर निदेशालय के कैसरबाग स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह में भूतपूर्व सैनिक, शहीदों की वीरांगनाएं एवं परिवारजनों के साथ-साथ, डाॅ0 के0एल0 गर्ग मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री एस0के0 गर्ग, निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बिग्रेडियर अमूल्य मोहन, मेजर जनरल आर0एस0 मालवे, बिग्रेडियर आर0डी0 सिंह अध्यक्ष उत्तर प्रदेश भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम, लखनऊ के जिलाधिकारी श्री राजशेखर सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। राज्यपाल द्वारा समारोह में वर्ष 1962, 1965, 1971 तथा कारगिल युद्ध एवं अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को नगद धनराशि एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
श्री नाईक ने कहा की शहीदों के प्रति कुछ अच्छा करने पर मन को संतोष होता है। जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे तो कारगिल युद्ध के 439 शहीदों के परिवार के लिए सरकारी खर्च पर उन्होंने पेट्रोल पम्प व गैस एजेन्सी देने का निर्णय किया था। मध्य कमान की बात करते हुए उन्होंने बताया कि मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित प्रदेश के शहीदों के भित्ति चित्र लगाये गये हंै जो सराहनीय कार्य है। ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि जब सेना देश की रक्षा करें तो जनता उसका समर्थन करें। इससे देश की एकता मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति सामान्य नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें।
राज्यपाल ने डाॅ0 के0एल0 गर्ग मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की सराहना करते हुए कहा कि ट्रस्ट का काम अनुकरणीय है। सहयोग राशि छोटी-बड़ी हो सकती है, पर असल महत्व भावना का होता है। त्याग और बलिदान देने वाले सैनिकों की तुलना पैसे से नहीं बल्कि आदर और सम्मान से करें। उन्होंने कहा कि देश पर प्राण न्यौछावर करने वालों की शान बढ़ाने का काम करें।
डाॅ0 के0एल0 गर्ग मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउण्डर ट्रस्टी एवं अध्यक्ष श्री एस0के0 गर्ग ने अपने उद्बोधन में बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से शहीद सैनिकों की वीरागंनाओं तथा शौर्य पुरस्कार विजेताओं का सम्मान व सामाजिक उत्थान का कार्य इसलिये कर रहे हैं ताकि अपने शहीद पिता, जिन्होंने कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर किये और जो स्वयं एक उच्चकोटि के शिक्षाविद् थे, की स्मृति को जीवंत रख सकें तथा इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज के अन्य प्रबुद्धजन भी प्रेरित होकर इस दिशा में कार्य करें।
बिग्रडियर अमूल्य मोहन निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास द्वारा अपने सम्बोधन में भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण हेतु विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में लखनऊ के जिलाधिकारी श्री राजशेखर ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा अपने विचार भी रखे।