भारत को कुशल मानव संसाधन का वैश्वििक केन्द्र बनना होगा: प्रो0 कविदयाल
रूद्रपुर । स्किल डेवलपमेन्ट कार्यक्रम देश में गरीब परिवारों में एक नया आत्मविश्वास एवं नई उर्जा लाने का प्रयास है। भारत को कुशल मानव संसाधन का वैश्वििक केन्द्र बनना होगा। गरीबी-बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई के तहत अभियान है स्किल इंडिया और टैक्नोलाॅजिकल इन्नोवेशन। भारत के लोगों के पास अपार क्षमता है। जिसे विश्व ने स्वीकारा है। भूले हुए हुनर को फिर से हासिल करना है। देश के प्रशिक्षण संस्थानों को गतिशील बनने की जरूरत है।
उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र सरदार भगत सिंह राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय द्वारा स्किल डेवलपमेन्ट एण्ड टेक्नोलोजिकल इन्नोवेशन पर आयोजित दो दिवसीय नेशनल कान्फ्रेस के समापन समारोह में मुख्य वक्ता कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनीताल, प्रबन्धन विज्ञान संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो0 पी0 सी0 कविदयाल ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि नीति-निर्माता अर्थव्यवस्था को विकसित दिशा में ले जाने के लिए नये-नये तरीके अपनाने को कोशिश कर रहे है। मेक इन इंडिया डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहल कायदे से क्रियान्वित हो सकी तो निश्चित ही लाखों लोगों के अच्छे दिन आयेगें।
सम्मानित अतिथि लखनऊ विश्वविघालय वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया अभियान के तहत नवोन्मेेष को प्रोत्साहन देना होगा। युवाओं को नवीननतम एवं रचनात्मक कार्यो के लिए उचित ढंाचा तैयार करके अर्थिक मदद और करों से छूट देने की आवश्यकता है। एम. एस. एम. ई. हल्द्वानी के डिप्टी डायरेक्टर डा0 ए0 सी0 पंत ने कहा कि हुनरमंद युवाओं से ही पुरा होगा श्रेष्ठ भारत का सपना। उघोगों को अब प्रशिक्षित युवा चाहिए। समान्य डिग्री वाले युवाओं की जरूरत नहीं है। इसलिए जमाने के हिसाब से युवाओं को योग्य और कुशल बनाने की पहल हो रही है।
सम्मानित अतिथि गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविघालय के कम्प्युटर साइन्स विभागाध्यक्ष प्रो0 सामन्त रे ने कहा कि डिजिटल इंडिया के माध्यम से सरकार ने कम्प्यूटर सेवी बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। तकनीकी शिक्षा और इन्टरनेट का दायरा ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की जरूरत है। आवश्यकता है नई डिजिटल साक्षरता मिशन योजना आरम्भ करने की। जिससे सभी को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा सके।
महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 जगदीश प्रसाद ने कहा कि े अंतिम छोर पर खड़े लागों के लिए इस कार्यक्रम से आर्थिक सदृढ़ीकरण संभव होकर समाज में आर्थिक असमानता कम होगी। हमारा प्रयास है ऐसा वातावरण निर्माण करना जिससे विद्यार्थियों की प्रतिभा-क्षमता निखर सके और वे देश के लिए कीर्तिमान स्थापित करें।
संयोजक एवं दीनदयाल कौशल केन्द्र के निदेशक डा0 योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि इन दो दिनों में देशभर से चुने हुए निति-निर्माताओं औघोगिक विशेषज्ञों और शोध छात्रों ने जो मंथन करअमृत तुल्य निष्कर्ष निकालते है वो केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और सम्बन्धित विभागों को भेजा जायेगा जो निश्चित ही निति निधारण में प्रभावशाली भुमिका निभायेगा। अभार ज्ञापन आयोजन सचिव डा0 विनोद कुमार संचालक दीन दयाल कौशल केन्द्र के ने किया विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों की अध्यक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रो0 किरन लता डगवाल, ऊर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो0 नीरज शुक्ल, शिया पी0 जी0 कालेज के डा0 कीर्ति प्रकाश तिवारी, गिरी अध्ययन विकास संस्थान की डा0 कविता बालियान, जेजेटी विश्वविघालय राजस्थान की डा0 अन्जु सिंह डा0 मधु गुप्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय के डा0 सुमनजीत सिंह, डा0 पी0 एन0 तिवारी ने करके अपने विचार रखे। जिससे डा0 अमीत सिंह, रूद देव, आकांक्षा गुप्ता, मन्जू पान्डेय, वेद प्रकाश विश्वकर्मा, हेमा अधिकारी, विवेक अग्रवाल, सुधीर अग्रवाल सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षक एवं शोध छात्र उपस्थित रहे।