वानखेड़े में क्या चलेगा, विराट का वंडर या गेल बवंडर?
मुंबई: भारत और वेस्टइंडीज कल टी20 विश्व कप क्रिकेट के दूसरे सेमीफाइनल में जब आमने सामने होंगे तो मुकाबला शानदार फार्म में चल रहे विराट कोहली के कमाल और क्रिस गेल की तूफानी बल्लेबाजी का होगा।
2007 की चैम्पियन भारतीय टीम और 2012 की विजेता वेस्टइंडीज के बीच वही टीम जीतेगी जो खचाखच भरे वानखेड़े स्टेडियम पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव झेल सकेगी। भारतीय टीम ने इसी मैदान पर 5 साल पहले दूसरा वनडे विश्व कप जीता था। दोनों टीमें सुपर 10 चरण में एक-एक पराजय झेल चुकी है। अब तक दोनों के बीच खेले गए टी20 मैचों में से दो भारत ने और एक वेस्टइंडीज ने जीता है। कागजों पर भारतीय टीम मजबूत दिख रही है हालांकि कुछ खिलाड़ी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके हैं। वैसे मेजबान टीम वेस्टइंडीज को हलके में लेने की गलती नहीं कर सकती क्योंकि उसके पास कई मैच विनर हैं।
कोहली अभी तक भारत के ट्रंपकार्ड साबित हुए हैं जिन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। वेस्टइंडीज को सबसे ज्यादा चिंता कोहली और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बल्लों पर अंकुश लगाने की ही होगी। भारत को नागपुर में पहले मैच में न्यूजीलैंड ने हराया लेकिन उसके बाद भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और आस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज की। दूसरी ओर वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई लेकिन आखिरी लीग मैच में अफगानिस्तान से हार गई।
कैरेबियाई टीम अफगानिस्तान से मिली अप्रत्याशित हार को भुलाकर अच्छा प्रदर्शन करने उतरेगी। मेजबान टीम कोहली का शानदार फार्म बरकरार रहने की दुआ करेगी जिसने आस्ट्रेलिया के खिलाफ करो या मरो के मैच में नाबाद 82 रन बनाये। इसके अलावा रोहित शर्मा और शिखर धवन से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी जिनका चार मैचों में औसत 10 रहा।
सुरेश रैना भी कोई उल्लेखनीय पारी नहीं खेल सके हैं जबकि युवराज सिंह ने भले ही बड़ी पारियां नहीं खेली हो लेकिन कोहली के साथ अहम साझेदारियां की। एड़ी की चोट के कारण उनका खेलना हालांकि संदिग्ध है। मेजबान टीम ने मनीष पांडे को युवराज के कवर के तौर पर रखा है जबकि अजिंक्य रहाणे को भी मौका दिया जा सकता है। वेस्टइंडीज के लिये लेग स्पिनर सैमुअल बद्री ने सर्वाधिक विकेट लिये हैं। ऐसे में कोहली पर निर्भर रहने की बजाय भारत के शीषर्क्रम को भी योगदान देना होगा।
रविचंद्रन अश्विन और क्रिस गेल की टक्कर भी रोमांचक होगी। गेल ने इंग्लैंड के खिलाफ 180 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी 100 रन की नाबाद पारी में 11 छक्के इसी मैदान पर लगाये थे। अश्विन ने नौ टी20 मैचों में चार बार गेल को आउट किया है लेकिन विश्व कप अलग मंच है। अश्विन समेत भारत के गेंदबाजों का प्रदर्शन अभी तक संतुलित रहा है। स्पिन में अश्विन और रविंद्र जडेजा ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया है।
वेस्टइंडीज टीम भी खिलाड़ियों की फिटनेस समस्या से जूझ रही है। उसे बल्लेबाज आंद्रे फ्लेचर की जगह लैंडल सिमंस को शामिल करना पड़ा। सिमंस को यहां मुंबई इंडियंस के लिये खेलने का अनुभव है। मूल टीम में शामिल किये गए सिमंस चोट के कारण बाहर हो गए थे। अब उन्हें जल्दी से हालात और चुनौतियों के अनुकूल ढलना होगा। कैरेबियाई बल्लेबाजी का दारोमदार गेल और फ्लेचर पर रहा है और फ्लेचर के चोटिल होने से टीम कमजोर लग रही है। ऐसे में मलरेन सैमुअल्स से जिम्मेदाराना प्रदर्शन की उम्मीद होगी। गेंदबाजी में बद्री, ड्वेन ब्रावो और आंद्रे रसेल सफल रहे हैं।
बल्लेबाजों की मददगार पिच पर लगातार दो मैचों में 200 से अधिक रन बन चुके हैं। वैसे संकेत मिले हैं कि कल के मैच के लिये पिच बल्लेबाजों की उस तरह से ऐशगाह नहीं होगी।